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एक्सप्रेसवे खुला, अब मेरठ से गाजियाबाद 30 मिनट में, दिल्ली 45 मिनट में

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे बुधवार यानी 31 मार्च को खोला जाना था लेकिन कुछ तकनीकी अड़चनों के कारण एक्सप्रेस वे खोलने की तारीख एक अप्रैल कर दी गई थी.

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दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे एक अप्रैल से आम जनता के लिए खोल दिया गया.
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे एक अप्रैल से आम जनता के लिए खोल दिया गया.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तराखंड जाने वालों की राह हुई आसान
  • दिल्ली से मेरठ की दूरी 45 मिनट में होगी तय
  • मेरठ से गाजियबाद के लिए लगेंगे महज 30 मिनट

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे को आज यानी एक अप्रैल से आम जनता के लिए खोल दिया गया है. एक्सप्रेस वे शुरू होने के साथ ही दिल्ली से मेरठ की दूरी  45 मिनट में तय होगी और गाजियाबाद से मेरठ जाने में केवल 30 मिनट का समय लगेगा. वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड जाने वाले लोगों को दिल्ली मेरठ हाईवे के लंबे जाम से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाएगा. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पश्चिमी यूपी की लाइफ लाइन बनेगी. पहले ये एक्सप्रेसवे बुधवार यानी 31 मार्च को खोला जाना था लेकिन कुछ तकनीकी अड़चनों के कारण एक्सप्रेस वे खोलने की तारीख 1  अप्रैल कर दी गयी थी. 

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दरअसल, यूपी गेट से डासना तक दूसरे और डासना से मेरठ तक चौथे चरण के एक्स्प्रेस वे के खुलने  रास्ता 1 अप्रैल से साफ हो गया. डासना से मेरठ की ओर तैयार सात सौ मीटर की एलिवेटेड रोड पर लोड टेस्टिंग और अंतिम ट्रायल रन पूरा हो गया है.  मंत्रालय में बैठकों के दौर के बावजूद एक्सप्रेस-वे पर टोल दरों का मामला अभी फंसा हुआ है.

दो-तीन दिन में तय होंगी टोल की दरें

वहीं, एक्सप्रेस वे का काम पूरा होने के वीडियो सहित विस्तृत रिपोर्ट पर सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को दिनभर बैठकों के दौर के बाद मंजूरी दे दी. एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक शुरू होने वाले दोनों चरणों के साथ अन्य दो चरणों के लिए टोल की दरों को दो-तीन दिनों में निर्धारित किया जा सकता है. इस एक्सप्रेस वे पर कार की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा और कमर्शियल वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार रखी गई है.

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प्रोजेक्ट पूरा होने में हुई देरी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को दिल्ली से जोड़ने की कवायद सन 2008 में शुरु हुई थी. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी थी लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब 1 साल से भी ज्यादा समय की देरी हुई. लेकिन अब यह आम जना के लिए खोल दिया गया है.

क्या है खासियत
इस एक्सप्रेस वे की खास बात यह है कि ये एक्सप्रेस वे पूरी तरह से सिग्नल फ्री है. एक्सप्रेस वे पर कुतुब मीनार, अशोक स्तंभ जैसे स्मारक चिन्ह भी लगाए जाएंगे. सड़क के दोनों तरफ वर्टिकल गार्डन भी विकसित किए जाएंगे. बिजली की बचट की खातिर सोलर सिस्टम से जलने वाली लाइटें भी लगाई जाएंगी. प्रोजेक्ट की कुल लागत 8346 करोड़ है. वहीं एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 82.01 किलोमीटर है.

 

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