प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश में महान संत कबीर की नगरी मगहर का दौरा किया. कबीर के 620वें प्राकट्य दिवस के असवर पर तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कबीर की मजार पर चादर चढ़ाई और माथा टेका. मगर मंच से जब वह जनसभा को संबोधित कर रहे थे, उसी दौरान कुछ लोगों ने पूर्वांचल राज्य की मांग करते हुए नारेबाजी करनी शुरू कर दी. इस दौरान मंच पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.
जनसभा के दौरान कुछ लोग पोस्टर लहराते हुए दिखे. पोस्टर पर लिखा था, 'भीख नहीं अधिकार चाहिए. हमें पूर्वांचल राज्य चाहिए.' बता दें कि पोस्टर पर अगल राज्य की मांग करने वाले संगठन का नाम पूर्वांचल राज्य जन आंदोलन लिखा हुआ था.
काफी लंबे अरसे से पूर्वांचल राज्य की मांग चल रही ही. पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में विभाजित करने का प्रस्ताव रखा था. मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ भी कई बार पूर्वांचल राज्य की वकालत करते रहे हैं. वह गोरखपुर को पूर्वांचल की राजधानी बनाने की मांग करते रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेता कल्पनाथ राय हमेशा पूर्वांचल के विकास के लिए पूर्वांचल राज्य की मांग करते रहे हैं. उन्होंने अलग पूर्वांचल राज्य बनाने तथा काशी को इसकी राजधानी बनाने की मांग की थी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मगहर में जनसभा को संबोधित करते हुए राजनीतिक संदेश देने से नहीं चूके. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष को निशाने पर लिया, सरकार को जिन मुद्दों पर घेरा जा रहा था उन सभी मुद्दों पर जवाब दिया. इसी के साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने इसका बिगुल उत्तर प्रदेश से फूंका.