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NOIDA: फिर टली Twin Tower गिराने की तारीख, रिपोर्ट पर जताई गई आपत्ति

सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CBRI) को बिल्डिंग गिराने वाली कंपनी से जो ऑडिट रिपोर्ट मिली है उसके कुछ बिदुओं पर सीबीआरआई ने आपत्ति दर्ज कराई है. सीबीआरआई ने कंपनी से दोनों टावरों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के बारे में कुछ और जानकारियां मांगी हैं. जिनके मिलने के बाद ही टावरों को गिराए जाने की तैयारी शुरू की जा सकेगी.

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ट्विन टावर ( फाइल फोटो )
ट्विन टावर ( फाइल फोटो )

नोएडा के सुपरटेक हाउसिंग सोसायटी ( Supertech Housing Society)के ट्विन टावर ( Twin Tower) गिराने की तारीख एक बार फिर बढ़ा दी गई है. पहले ट्विन टावर को गिराने के लिए 21 अगस्त की तारीख तय की गई थी. अब कहा जा रहा है कि 28 अगस्त तक ही ट्विन टावर को जमींदोज किया जा सकेगा.

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जानकारी के मुताबिक,  सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट ( CBRI) को बिल्डिंग गिराने वाली कंपनी से जो ऑडिट रिपोर्ट मिली है उस पर सीबीआरआई ने आपत्ति दर्ज कराई है. सीबीआरआई ने कंपनी एडिफाइस (Edifice) से दोनों टावरों के स्ट्रक्चरल ऑडिट के बारे में कुछ और जानकारियां मांगी हैं. 

बताया गया है कि यदि सीबीआरआई को एडिफाइस द्वारा समय पर जानकारी मिल जाती है तो वह सीबीआरआई 9 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट नोएडा विकास प्राधिकरण को दे देगा. इसके बाद 10 अगस्त को यह तय होगा कि कब से ट्विन टावर में विस्फोटक लगाना शुरू किया जाएगा और कब टावरों को सुरक्षित रूप से ध्वस्त किए जा सकेंगे.

बता दें कि, ट्विन टावर को ढहाने की तैयारियों पर नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय में शनिवार को भी कई घंटों चर्चा हुई सीबीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि सुपरटेक बिल्डर और Edifice एजेंसी की ओर से टॉवर्स के स्ट्रक्चरल ऑडिट के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिली है.

गुरुग्राम में तोड़ी जानी है इमारत

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हरियाणा के गुरुग्राम में इमारज गिराने की कवायद चल रही है. गुरुग्राम के सेक्टर 37 डी के ग्रीन व्यू सोसाइटी में 14 मंजिल वाले सात टावर गिराए जाने हैं. गुरुग्राम के नगर योजना विभाग के निदेशक ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC)के प्रबंधन को पत्र लिखकर जर्जर इमारतों को गिराने का एक्शन प्लान मांगा है. घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर बनाए गए यह टावर अब रहने लायक नहीं बचे हैं.

उधर इन टॉवर्स में घर खरीदारों ने एनबीसीसी की ओर से दिए गए रिफंड को सिरे से ठुकरा दिया. खरीदारों ने मार्केट रेट के हिसाब से उन्हें फ्लैट की कीमत यानी मुआवजा देने की बात मांग की है.एनबीसीसी ने साल 2012 में ग्रीन व्यू नाम से आर्थिक रूप से पिछड़े यानी गरीबों के लिए आवासीय सोसाइटी प्रोजेक्ट लांच किया था. लेकिन प्रोजेक्ट डिजाइन, तकनीक, निर्माण सामग्री आदि को लेकर विवाद इस कदर गहराया कि अब पूरी सोसाइटी को ढहाने की नौबत आ गई है.

इन खतरनाक टावर्स में रहने वाले 60 परिवारों ने अपने आशियाने खाली भी कर दिए हैं. इन परिवारों को नए टावर्स तैयार होने तक किराए के मकानों में निगम द्वारा शिफ्ट कराया गया है. गुरुग्राम जिला नगर योजनाकार आरएस भाठ ने कहा है कि एनबीसीसी ने अगले छह महीनों के लिए करीब 57 परिवारों को मासिक किराए की राशि का भुगतान पहले ही कर दिया है. वहीं बाकी के परिवारों को
आने वाले दो दिनों में भुगतान कर दिया जाएगा. फिलहाल टावर में तीन परिवार शेष हैं वे जल्द ही फ्लैट खाली कर देंगे.

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