अयोध्या के धन्नीपुर में सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन देने का प्रस्ताव पास हो गया है. धन्नीपुर में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड को दी जाएगी. इस फैसले से वहां के स्थानीय लोगों में प्रसन्नता है. उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को तीन विकल्प भेजे थे. इनमें केंद्र ने धन्नीपुर में मस्जिद के लिए जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. यह इलाका मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर है. वहां के लोग कह रहे हैं कि यहां मस्जिद बनने से उनका गांव दुनिया भर में मशहूर हो जाएगा.
सरकार के यहां जमीन देने के फैसले से धन्नीपुर के लोग काफी खुश हैं. उनका कहना है कि यहां मस्जिद बनेगी तो गांव का विकास होगा. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को सोहवाल तहसील के धन्नीपुर में जमीन के लिए अलाटमेंट लेटर दे दिया है. यह तहसील अयोध्या के लखनऊ हाईवे पर है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर के एतिहासिक फैसले में रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाया था. फैसले में कहा गया था कि अयोध्या के विवादित स्थल पर मंदिर बनेगा और मस्जिद के लिए वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में ही जमीन दी जाएगी.
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क्या कहा अयोध्या के विधायक ने?
धन्नीपुर गांव के प्रधान राकेश यादव ने पीटीआई से कहा, ''हमारा गांव दुनिया भर में मशहूर हो जाएगा. यहां देश-विदेश से लोग मस्जिद देखने आएंगे. यहां न केवल मुस्लिम बल्कि हिंदु समुदाय भी इस फैसले से खुश हैं. क्योंकि इससे गांव का विकास होगा.' अयोध्या के भारतीय जनता पार्टी के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा, '' मैं सरकार के इस फैसले से काफी खुश हूं कि यहां धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए जमीन दी गई. मैं जल्द ही जगह का मुआयना करने जाऊंगा. साथ ही मैं मुस्लिम समुदाय के लोगों से भी मिलूंगा. मैं मस्जिद के निर्माण में भी हर संभव मदद करूंगा."
'गांव को मिलेगी नई पहचान'
स्थानीय बिजनेसमैन हाजी सलीम ने कहा, "यहां मस्जिद बनने से हम सभी का फायदा होगा. इससे आसपास कई चीजें बनेंगी और गांव का विकास होगा. जैसे दुनियाभर के हिंदु राम मंदिर देखने आएंगे, वैसे ही दुनिया भर के मुस्लिम धन्नीपुर की मस्जिद देखने आएंगे. इससे गांव की आय बढ़ेगी." आरती देवी नाम की स्थानीय महिला ने कहा, "हमारे गांव में पहले से चार मस्जिदें हैं. अब यहां मस्जिद बनने से गांव की नई पहचान बनेगी. यह गांव के लिए वरदान साबित होगा.''
केंद्र सरकार ने दी मंजूरी
बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में इस बाबत घोषणा की. सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत 67.70 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को हस्तांतरित करने का फैसला किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट में 15 न्यासी होंगे जिनमें से एक दलित समाज से होगा.
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साथ ही प्रधानमंत्री ने संसद को बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि आवंटित करे, जिसको लेकर मोदी सरकार ने राज्य की योगी सरकार से आग्रह किया और राज्य सरकार ने जमीन देने पर हामी भर दी है.