उत्तर प्रदेश में 26 अरब के भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले में यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले की जांच यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही है. इससे पहले यूपीपीसीएल की एमडी और सचिव ऊर्जा अपर्णा यू को हटा दिया गया. उनकी जगह एम देवराज को जिम्मेदारी दी गई है.
एपी मिश्रा को अलीगंज स्थित आवास से हिरासत में लिया गया है. इसके बाद हजरतगंज थाने की पुलिस ने उन्हें घर से गाड़ी में बैठाया. एपी मिश्रा से पुलिस अफसर अज्ञात स्थान पर पूछताछ कर रहे हैं. सरकार ने इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
भविष्य निधि घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने अपर्णा यू को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक और ऊर्जा सचिव के पद से हटा दिया है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे एम देवराज को अब सचिव ऊर्जा और प्रबंध निदेशक का दायित्व सौंपा गया है.
कई लोगों पर गिर सकती है गाज
अपर्णा यू को सिंचाई एवं जल संसाधन का सचिव बनाया गया है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस घोटाले में जल्द ही यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार भी हटाए जा सकते हैं. वे ट्रस्ट के चेयरमैन हैं.
सूत्रों के मुताबिक भविष्य निधि घोटाले को लेकर पावर कारपोरेशन प्रबंधन के रवैये से ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा नाराज हैं. ऐसे में उन्होंने मामला सामने आने के बाद जहां पहले सीबीआइ जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा वहीं अब संबंधित वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है.
जारी है कार्रवाई
ईओडब्ल्यू की टीम ने सोमवार को जेल भेजे गए यूपीपीसीएल के पूर्व निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी और यूपीपीसीएल ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता से जेल में पूछताछ की थी. इसके बाद शक्ति भवन से ईओडब्ल्यू की टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए थे. कहा जा रहा है कि डीएचएफएल में निवेश को मंजूरी देने में जो भी जिम्मेदार हैं उन पर शिकंजा कसने की तैयारी है. अब एपी मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य अधिकारियों पर भी जांच की आंच पहुंच सकती है.
उधर उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने भविष्य निधि घोटाले के विरोध में मंगलवार को विरोध प्रदर्शन और 18 नवंबर से दो दिवसीय कार्य बहिष्कार करने का फैसला किया है.
ज्ञात हो कि एपी मिश्रा यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी रहे हैं. इन्हें मुलायम सिंह और अखिलेश यादव का करीबी बताया जाता है. 2012 में अखिलेश सरकार बनते ही किसी आईएएस की जगह एक इंजीनियर एपी मिश्रा को यूपीपीसीएल का प्रबंध निदेशक बनाया गया था. मिश्रा पूर्वाचल व मध्यांचल के भी एमडी रहे हैं. इतना ही नहीं उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद तीन बार सेवा विस्तार भी मिला था.
(IANS इनपुट के साथ)