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चुनाव जीतने के बाद CM योगी से मिले निरहुआ, कहा- धर्मेंद्र यादव को उनकी ही पार्टी ने हराया

निरहुआ ने आजमगढ़ में उपचुनाव जीतने के बाद लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी सब कुछ छोड़कर समाजसेवा में लगे हुए है. इसके साथ ही आजमगढ़ से चुनाव लड़ने पर सीएम योगी ने क्या कहा, इस पर भी निरहुआ ने खुलकर चर्चा की.

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दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ (फाइल फोटो)
दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'आजमगढ़ की जीत योगी मॉडल की जीत है'
  • 'मैं पीएम मोदी और सीएम योगी का भक्त हूं'

दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ सपा का गढ़ आजमगढ़ में उपचुनाव जीतने के बाद सुर्खियों में है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. साथ ही अपनी जीत का श्रेय मोदी-योगी की डबल इंजन की सरकार को दिया. निरहुआ ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि रिक्शा वाले ने साइकिल को पटखनी दी है. उन्होंने समाजवादी पार्टी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया. दिनेश लाल यादव ने कहा कि मुस्लिम और यादव फैक्टर जिसे सपा अपना बताती है, वो एमवाय फैक्टर अब मोदी योगी फैक्टर हो गया है. 

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निरहुआ ने सीएम योगी से आज की मुलाकात के बाद कहा कि सीएम ने आशीर्वाद दिया है. चुनाव से पहले पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आशीर्वाद दिया था. उपचुनाव के बाद पहली बार लखनऊ आए दिनेश लाल यादव ने कहा कि मैं पीएम मोदी और सीएम योगी का भक्त हूं. आज के दौर में लोग भक्त कहने पर ट्रोल कर देते हैं, लेकिन मैं ये बात गर्व से कहता हूं. अपने आप को भक्त इसलिए बताता हूं क्योंकि पीएम मोदी और सीएम योगी सब कुछ छोड़कर समाजसेवा में लगे हुए है. जिसके कारण भारत और उत्तर प्रदेश को विश्व स्तर पर पहचान मिली है. 

सपा का स्टार प्रचारक नहीं बनना था


निरहुआ ने समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारक बनने की चाह रखने वाले सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं सपा का स्टार प्रचारक नहीं बनना चाह रहा था. बल्कि मेरे बड़े भइया समाजवादी पार्टी में पिछले 20 साल से हैं, वह जब भी कार्यक्रम में बुलाते थे, तो जाता था. उन्होंने कहा कि एक बार तो मुझे अखिलेश यादव की गाड़ी से भी उतार दिया गया था. 

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'आजमगढ़ अब परिवारवाद से मुक्त'


बातचीत के दौरान निरहुआ ने सपा के कैंडिडेट धर्मेंद्र यादव पर बेबाक अंदाज में हमला बोला. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव किसी को अपने से ऊपर उठता हुआ देखना नहीं चाहते हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो अखिलेश यादव उपचुनाव में आजमगढ़ जरूर आते, लेकिन उन्हें धर्मेंद्र यादव को हराना था, इसलिए नही आए. निरहुआ ने कहा कि आजमगढ़ अब परिवारवाद से मुक्त हो गया है. यहां के लोगों को भाजपा की डबल इंजन की सरकार की हर योजना का सीधा फायदा मिलेगा.

योगी से प्रभावित कब और कैसे हुए?
 

दिनेश लाल यादव ने कहा कि वह एक बार पटना से मुंबई आ रहे थे, तो एयरपोर्ट पर एक किताब यदा यदा हि योगी पढ़ी थी. जिस किताब को पढ़ने के बाद वह सीएम योगी आदित्यनाथ के मुरीद हो गए थे.

आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का मिला मैसेज
 

निरहुआ ने बताया कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली मुलाकात मुंबई में एक सम्मान समारोह में हुई थी. आजमगढ़ से चुनाव लड़ने को लेकर निरहुआ कहते हैं कि वह मथुरा में शूटिंग कर रहे थे. इसी दौरान लखनऊ से फोन आया कि तत्काल सभी काम छोड़कर लखनऊ पहुंचें. वहां सीएम योगी ने निरहुआ से आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा.

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चुनाव लड़ने पर क्या कहा था सीएम योगी ने?

आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता था. लेकिन जब आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का आदेश मिला तो निरहुआ ने सीएम योगी से पूछा कि आजमगढ़ ही क्यों. यहां तो मेरे ही यादव वोट कट जाएंगे. मैं किसी और लोकसभा सीट से लड़ सकता हूं और जीत भी सकता हूं. लेकिन योगी ने कहा कि हार-जीत की चिंता मत करो. बस मन लगाकर चुनाव लड़ो. 

सॉन्ग पॉलिटिक्स का क्या का उद्देश्य


2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान निरहुआ के सॉन्ग "आएंगे योगी ही" ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इस गाने को लेकर निरहुआ कहते हैं कि जब वह भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे, तो विपक्षियों ने बोला था कि विधानसभा चुनाव के बाद निरहुआ का करियर खत्म कर दिया जाएगा. निरहुआ कहते हैं कि उन्होंने ये गाना किसी एक पार्टी के लिए नहीं, बल्कि यूपी की जनता के लिए गाया था. समाजवादी पार्टी ने जब बुलडोजर कार्रवाई का विरोध किया तो फिर से निरहुआ ने गाना गाया था, जिसके बोल थे 'चले जब चाप के बाबा का बुलडोजर'.

 

 

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