उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब एक नए विवाद में घिरते दिख रहे हैं. ताजा विवाद उनके जन्मदिन को लेकर खड़ा हुआ है.
दरअसल, अखिलेश सरकार में मंत्री तेज नारायण पाण्डेय ने अखिलेश यादव के जन्मदिन को लेकर अनुष्ठान करवाया है. वैसे तो सरकारी दस्तावेजों में उनकी जन्मतिथि 1 जुलाई, 1973 दर्ज है. मगर उनके मंत्रिमंडल में मनोरंजन कर राज्यमंत्री और खुद को अखिलेश यादव का दोस्त बताने वाले तेज नारायण पाण्डेय की मानें, तो सीएम की वास्तविक जन्मतिथि 24, अक्टूबर 1973 है. शायद यही वजह है कि अयोध्या में धर्मचार्यों और मुस्लिम उलेमाओं की मौजूदगी में अनुष्ठान कराया गया. विवाद को जन्म देने वाले मंत्री ने कार्यकर्ताओं और धर्मगुरुओं की मौजूदगी में अखिलेश की तस्वीर को हार पहनाकर और माथे पर तिलक लगाकर उनके दीर्घायु की कामना की.
धर्माचार्यों की मानें, तो इस मंत्री ने उन्हें मुख्यमंत्री के जन्मदिन के बारे में बताया और अनुष्ठान करने को कहा. यहां तक कि फैजाबाद के पार्टी कार्यालय में 24 अक्टूबर को 40 किलो का केक कटा गया और 'जन्मदिन मुबारक' और 'जिंदाबाद' के नारे लगाए गए.
सवाल उठता है कि अगर 24 अक्टूबर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जन्मदिन है, तो यह 1 जुलाई किस तरह दर्ज है? अगर 1 जुलाई वास्तविक जन्मदिन है, तो क्या 24 अक्टूबर सीएम का महज सियासी जन्मदिन है? हकीकत चाहे जो भी हो, पर अखिलेश के मंत्री द्वारा कराए गए अनुष्ठान ने सवाल तो खड़े कर ही दिए हैं.