यूपी विधानसभा का मानसून सत्र 14 अगस्त से शुरू हो गया है, लेकिन सदन ठीक तरह से चल नहीं पा रही है. सोमवार को सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही बीजेपी और बीएसपी ने जमकर हंगामा किया.
सीएम ने पेश किया अनुपूरक बजट
खराब कानून व्यवस्था को लेकर बीजेपी-बीएसपी ने सीएम के सामने ही पोस्टर और बैनर लहराएं. विधानसभा के बाहर भी कांग्रेस ने जमकर प्रदर्शन किया और पुलिस की लाठियां भी खाईं. पहले
20 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. 12:20 पर सदन दोबारा शुरू होने के बाद करीब 12:30 बजे सीएम ने हंगामे के बीच 19824.98 करोड़ का अनुपूरक बजट
पेश किया.
BSP की मांग को नहीं मिली मंजूरी
इस दौरान कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नियम 56 बी के तहत बीएसपी ने बहस की मांग की, लेकिन बीजेपी ने साथ नहीं दिया. ऐसे में बहस की मंजूरी नहीं मिली. हंगामे को देखते हुए
विधानसभा अध्यक्ष माताप्रसाद पांडेय ने मंगलवार तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. 18 अगस्त को अनुपूरक बजट की मांगों पर चर्चा होगी.
विपक्ष ने अनुपूरक बजट का भी किया विरोध
अनुपूरक बजट में मेट्रो और एक्सप्रेस- वे के लिए खासा बजट का इंतजाम किया गया है, हालांकि विपक्ष ने अनुपूरक बजट पेश किए जाने का भी विरोध किया है. मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 200 करोड़ रुपए, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस- वे के लिए 220 करोड़ रुपए और एनआरआई विभाग के लिए 1 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया.
बीजेपी सदस्यों ने दिया धरना
बीजेपी सदस्यों ने मेरठ में फौजी की हत्या के विरोध में सदन में धरना दिया. पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख मुआवजे की मांग की गई, जबकि सीएम 10 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने का ऐलान कर चुके हैं. इसके अलावा बीएसपी ने यूपी की कानून व्यवस्था को हंगामे का मुद्दा बनाया.
सपा और बीजेपी की है मिली भगत
बीएसपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि एसपी के इशारे पर कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे को सरकार ने उपेक्षित करने का काम किया है. जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी को बचाने का काम किया है, इससे साबित हो गया कि गुंडाराज को बढ़ावा देने वाली एसपी और दंगा राज को बढ़ावा देने वाली बीजेपी की आपस में मिली भगत है.