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UP के बाराबंकी में विवादित स्थल पर कार्रवाई के बाद अब त्रिस्तरीय जांच समिति गठित

प्रशासन ने रामसनेही घाट परिसर में बने विवादित स्थल को प्रशासन ने लॉकडाउन में तुड़वाकर मलबा हटवा दिया है. ज़िलाधिकारी ने बयान में उस विवादित स्थल को अवैध परिसर बताया था

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बाराबंकी पुलिस.
बाराबंकी पुलिस.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रशासन ने हाल ही में की थी कार्रवाई
  • अवैध निर्माण को गिराया गया था

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में रामसनेही घाट तहसील परिसर के प्रकरण में शासकीय संपत्ति पर अनियमित तरीके से अवैध इकाई का निर्माण करने और इसके संदर्भ में फर्जी अभिलेखों के आधार पर पंजीकरण कराए जाने के संबंध में शासन स्तर से भी त्रिस्तरीय जांच समिति गठित की गई है.

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इस कमेटी के अध्यक्ष शिवाकान्त द्विवेदी (विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ यूपी शासन) हैं. वहीं बाकी दो सदस्य के तौर पर राहुल गुप्ता उप निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण लखनऊ मंडल, लखनऊ और उप निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण अयोध्य मंडल, अयोध्या को भी कमेटी का हिस्सा बनाया गया है. इस जांच समिति से  इस मामले की गहराई से जांच करने को कहा गया है. 

क्या है मामला

बता दें कि प्रशासन ने रामसनेही घाट परिसर में बने विवादित स्थल को प्रशासन ने लॉकडाउन में तुड़वाकर मलबा हटवा दिया है. ज़िलाधिकारी ने बयान में उस विवादित स्थल को अवैध परिसर बताया था. बाराबंकी के रामसनेही घाट तहसील परिसर में मौजूद विवादित स्थल उस वक्त चर्चा में आया था, जब तहसील प्रशासन ने बीते 17 मई को विवादित स्थल को गिरा दिया और मलबे को भी हटवा दिया. बता दें कि रामसनेहीघाट के एसडीएम दिव्यांशु पटेल के सरकारी आवास के सामने बने विवादित धार्मिक स्थल में रहने वालों लोगों को नोटिस दिया गया था.

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इसके बाद यहां रहने वाले तीन लोग बिना आईडी के दिये फरार हो गए. इसके बाद एसडीएम ने तहसील में लगे धार्मिक स्थल के गेट को हटवा कर बाउंडरी बनाकर अपने कब्जे में ले लिया था. तहसील प्रशासन द्वारा धार्मिक स्थल में रहने वालों को नोटिस मिलने के बाद पक्षकार हाई कोर्ट की शरण में भी गए थे.

 

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