अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में विवादित बयान देने के आरोप में गोरखपुर के डॉ. कफील खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपीएसटीएफ) ने कफील को मुंबई से बुधवार रात गिरफ्तार किया.
कफील खान को गिरफ्तार करने के लिए यूपी एसटीएफ लगाने पर सवाल उठ रहे हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी हुई है.
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि डॉक्टर कपिल खान को हेट स्पीच की वजह से गिरफ्तार किया गया. उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. हम लोग उनको ट्रैक कर रहे थे. एसटीएफ को यह काम दिया गया था.
उन्होंने कहा, 'जब हमें पता चला कि वह मुंबई में है तो हमारी टीम ने वहां गिरफ्तार किया. पूरी न्यायिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी हुई है और उन्हें अलीगढ़ लाया जाएगा. मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा.'
गिरप्तारी के बाद क्या बोले कफील
यूपी में अगला डीजीपी कौन होगा, इस पर ओपी सिंह ने कहा, 'मैं कुछ नहीं बोलूंगा यह राज्य सरकार का अपना विशेषाधिकार है.'
यूपी एसटीएफ की ओर से हुई गिरफ्तारी के बाद कफील खान ने कहा, 'मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी, अब वे मुझे फिर से फ्रेम करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दें, मुझे उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है.'
Dr.Kafeel Khan after being arrested by Uttar Pradesh Special Task Force from Mumbai: I was given a clean chit in Gorakhpur children death case, now they are trying to frame me again. I request Maharashtra Govt to let me stay in Maharashtra, I don't trust Uttar Pradesh Police. https://t.co/neDt20zhou pic.twitter.com/JRci64uN4M
— ANI (@ANI) January 30, 2020
13 दिसंबर को दर्ज हुई FIR
डॉक्टर कफील खान ने पिछले साल 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विवादित बयान दिया था. इसके बाद से अलीगढ़ पुलिस उन्हें तलाश रही थी.
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गिरफ्तारी के बाद सहर पुलिस स्टेशन इंचार्ज शशिकांत माणे ने कहा कि डॉक्टर कफील को फिलहाल थाने में लाया गया है. उन्हें इंसपेक्टर बिजेंद्र शर्मा और इंसपेक्टर प्रमोद वर्मा ने गिरफ्तार किया. आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने पुष्टि की कि उन्हें अलीगढ़ विरोध के दौरान आपत्तिजनक बयान में गिरफ्तार किया गया.
डॉक्टर कफील खान के विरुद्ध 13 दिसंबर को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153-ए के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी.
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2017 में पहली बार चर्चा में आए कफील
डॉक्टर कफील 2017 में गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 60 बच्चों की मौत के बाद सुर्खियों में आए थे.
कफील के खिलाफ दायर एफआईआर के अनुसार, उन्होंने अपने भाषण में कहा कि 'मोटा भाई' हर किसी को हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहा है, लेकिन एक इंसान नहीं. आरएसएस के अस्तित्व में आने के बाद से वह संविधान में विश्वास नहीं करता. सीएए मुसलमानों को दूसरी श्रेणी का नागरिक बनाता है और बाद में उन्हें एनआरसी के कार्यान्वयन के साथ परेशान किया जाएगा.