योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान की गिरफ्तारी को जायज ठहराया है. मोहसिन रजा ने कहा कि कफील खान एक समुदाय विशेष को गुमराह कर रहे हैं. उनके बोल जहरीले हैं और देश के खिलाफ हैं. उनके खिलाफ हमारे पास सबूत हैं. उनकी गिरफ्तारी जरूरी थी और ठीक हुई.
मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि वो (डॉक्टर कफील खान) पहले से ही शक के घेरे में रहे हैं, जब से बीआरडी कॉलेज से निलंबित हुए हैं, तब से वह देश विरोधी मंचों पर देखे जा रहे हैं और लगातार सरकार-देश के खिलाफ तकरीरे कर रहे हैं. ऐसे में अगर उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है तो बिल्कुल सही किया है.
क्या बोले कफील
यूपी एसटीएफ की ओर से हुई गिरफ्तारी के बाद कफील खान ने कहा, 'मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी, अब वे मुझे फिर से फ्रेम करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दें, मुझे उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है.'
हेट स्पीच की वजह से गिरफ्तारीः DGPDr.Kafeel Khan after being arrested by Uttar Pradesh Special Task Force from Mumbai: I was given a clean chit in Gorakhpur children death case, now they are trying to frame me again. I request Maharashtra Govt to let me stay in Maharashtra, I don't trust Uttar Pradesh Police. https://t.co/neDt20zhou pic.twitter.com/JRci64uN4M
— ANI (@ANI) January 30, 2020
कफील खान की गिरफ्तार के लिए यूपी एसटीएफ लगाने पर उठ रहे सवाल पर सफाई देते हुए यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी हुई है. डॉक्टर कपिल खान को हेट स्पीच की वजह से गिरफ्तार किया गया. उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. हम लोग उनको ट्रैक कर रहे थे. एसटीएफ को यह काम दिया गया था.
उन्होंने कहा, 'जब हमें पता चला कि वह मुंबई में है तो हमारी टीम ने वहां गिरफ्तार किया. पूरी न्यायिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तारी हुई है और उन्हें अलीगढ़ लाया जाएगा. मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा.'
13 दिसंबर को दर्ज हुई FIR
इससे पहले डॉक्टर कफील ने 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान विवादित बयान दिया था और इस बयान के बाद से अलीगढ़ पुलिस उन्हें तलाश रही थी.
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डॉक्टर कफील के विरुद्ध 13 दिसंबर को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153-ए के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी. कफील 2017 में गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में 60 बच्चों की मौत के बाद सुर्खियों में आए थे.
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कफील के खिलाफ दायर एफआईआर के अनुसार, उन्होंने अपने भाषण में कहा कि 'मोटा भाई' हर किसी को हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहा है, लेकिन एक इंसान नहीं. आरएसएस के अस्तित्व में आने के बाद से वह संविधान में विश्वास नहीं करता. सीएए मुसलमानों को दूसरी श्रेणी का नागरिक बनाता है और बाद में उन्हें एनआरसी के कार्यान्वयन के साथ परेशान किया जाएगा.