जिला रामपुर में सरकारी डॉक्टर काम नहीं करना चाहते. जानते हैं क्यों? रामपुर आजम खान का इलाका है और डॉक्टरों को आजम खान के भारी-भरकम आरोपों का डर सता रहा है. डॉक्टरों को लगता है कि रामपुर में काम करने का माहौल नहीं है. नतीजा ये कि अब 21 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से तबादले की मांग कर डाली है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट में मंत्री आजम खान ने रामपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का बदहाल और मुस्लिम विरोधी बताया था. यही नहीं, उनके एक करीबी ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में रामपुर जिला अस्पताल के डॉ. एचके मित्रा से दुर्व्यव्हार किया था. पहले तो डॉक्टर विरोध जताकर कोई रास्ता खोजना चाह रहे थे, लेकिन ऐसा न होते देख अब उनके पास शायद तबादले का विकल्प ही बचा है. डॉक्टरों के इस कदम से सरकार पेशोपेश में है.
9 सितंबर को स्वास्थ्य निदेशालय को लिखे एक पत्र में रामपुर के जिला अस्पताल और मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात इन डॉक्टरों ने जिले में काम करने लायक माहौल न होने की बात कही है.
उधर, सरकार को डॉक्टरों का गुस्सा थामने की भी फिक्र है और स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी अब बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में जुट गए हैं. हाल ही में आजम खान स्वास्थ्य विभाग पर अपनी त्योरियां चढ़ा चुके हैं. सरकार भी कोई जोखिम लेकर उन्हें नाराज नहीं करना चाहती.
पिछले हफ्ते स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कुमार को निशाने पर लेते हुए आजम खान ने इन्हें रामपुर में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का दोषी मानते हुए मुस्लिम विरोधी भी बताया था.
5 सितंबर को सपा के एक स्थानीय नेता और आजम के करीबी ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में रामपुर जिला अस्पताल के डॉ. एचके मित्रा से गलत व्यवहार किया था. इस घटना के बाद से ही डॉक्टर आक्रोशित थे और कोई रास्ता न निकलता देख उन्होंने अपने सामूहिक तबादले की मांग कर डाली.