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डॉक्टरों की हड़ताल पर 'गुंडे' MLA की सफाई, कहा- मेरी गलती नहीं

यूपी के कानपुर में डॉक्टरों पर लाठीचार्ज की घटना के विरोध में हुए हड़ताल से सूबे के अस्पतालों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. हड़ताली डाक्टरों को मनाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन बात नहीं बनती दिख रही.

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उत्तर प्रदेश
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यूपी के कानपुर में डॉक्टरों पर लाठीचार्ज की घटना के विरोध में हुए हड़ताल से सूबे के अस्पतालों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. हड़ताली डाक्टरों को मनाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन बात नहीं बनती दिख रही. 24 डॉक्टरों को हंगामा करने के आरोप में जेल भेज दिया गया है. इससे डॉक्टरों में आक्रोश और भड़क गया. कानपुर मेडिकल कॉलेज में वार्डों की बिजली काट दी गई और अब तालाबंदी की तैयारी है. हालांकि जिस विधायक इरफान सोलंकी को लेकर ये बवाल मचा है उन्होंने आजतक से खास बातचीत में कहा कि इस मामले से उनका कुछ लेना-देना नहीं है.

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विधायक सोलंकी ने कहा, 'मैं एक विधायक हूं. मेरी तरह देश का कोई भी विधायक हो उसकी रक्षा करना पुलिस का काम है. पुलिस ने जो आंखों से देखा वही किया.'

विधायक जी जब पूछा गया कि उनकी वजह से शहर की स्वास्थ सेवाएं बिगड़ रही हैं तो उन्होंने जवाब दिया, 'अगर ये सब मेरी वजह से हो रहा है तो मैं कॉम्प्रोमाइज करने के लिए तैयार हूं. जैसा आलाकमान निर्देश देंगे वैसा मैं करूंगा, लेकिन इन सब में मेरी कोई गलती नहीं थी. मैं तो एक बुजुर्ग को बचा रहा था, गलती उन्ही की थी.'

हड़ताल के तीसरे दिन सोमवार को राज्य के दूसरे हिस्सों में भी स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गई हैं. इलाज न मिलने से राज्य में अब तक दो दर्जन से अधिक मरीजों की जान जा चुकी है. गणेश शंकर स्मारक मेडिकल कालेज, कानपुर के प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार ने कानपुर के विधायक इरफान सोलंकी, एसएसपी यशस्वी यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग करते हुए स्वरूप नगर थाने में तहरीर दी है.

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डॉक्टरों की हड़ताल का असर पूर्वांचल का 'एम्स' कहे जाने वाले बीएचयू में भी दिख रहा है. वाराणसी के रेजिडेंट डॉक्टरों ने दो दिनों से अपना काम पूरी तरह से ठप्प कर रखा है, जिससे यहां आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पूरे पूर्वांचल से आने वाले मरीजों को सोमवार को वाराणसी में ओपीडी सहित इमरजेंसी तक की सुविधा से वंचित होना पड़ा. बीएचयू के रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी ड्यूटी का बहिष्कार कर राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की.

इलाज के लिए बीएचयू पहुंची मरीज मीना ने कहा, 'टांका दर्द कर रहा था, इसलिए इलाज कराए आए थे. हमें मालूम नहीं था कि हड़ताल है.' एक और मरीज संतोष गुप्ता ने कहा, 'हम यहां इलाज कराने आए थे लेकिन हड़ताल की वजह से परेशानी हो रही है.' बीएचयू में रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. अतुल तिवारी कहते हैं, 'कानपुर में हुई घटना के विरोध में हड़ताल है.'

सपा विधायक और मेडिकल छात्रों के बीच शुक्रवार शाम हुई मारपीट के बाद पुलिस की अमानवीय कार्रवाई के विरोध में डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी थीं. शनिवार दिनभर चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद पुलिस ने देर रात तीन बजे गिरफ्तार 24 छात्रों को जेल भेज दिया. सुबह जानकारी होते ही गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक मेडिकल कॉलेज के एलटी व्याख्यान कक्ष में धरना पर बैठे. सपा विधायक से विवाद के बाद पुलिस और जूनियर डॉक्टरों के बीच हुए संघर्ष की आग रविवार को कई जिलों तक पहुंच गई.

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर फर्रुखाबाद, रायबरेली, इटावा और जालौन के डॉक्टर भी हड़ताल में कूद पड़े. इससे चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुईं. फर्रुखाबाद में आईएमए के सचिव डॉ. विपुल अग्रवाल की अगुवाई में डॉक्टरों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई. रायबरेली में आईएमए ने 24 घंटे की सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की. इटावा में डॉक्टरों ने हड़ताल रख विरोध दर्ज कराया. पीजीआई सैफई के जूनियर डॉक्टरों ने भी कामकाज ठप रखा.

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