अयोध्या में बन रही मस्जिद के लिए दान देने वालों को टैक्स में छूट दे दी गई है. मस्जिद निर्माण का काम देख रहे ट्रस्ट ने इस बात की जानकारी दी. ट्रस्ट ने बताया कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा-80जी के तहत दान में टैक्स से छूट दी गई है.
अयोध्या विवाद पर लंबी सुनवाई के बाद 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. विवादित जगह पर कोर्ट ने राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था. साथ ही मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था. इसके बाद सरकार ने अयोध्या में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दी थी.
मस्जिद निर्माण का काम इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) की निगरानी में हो रहा है. फाउंडेशन ने 9 महीने पहले दान पर टैक्स में छूट देने की मांग की थी. फाउंडेशन के अध्यक्ष जफर फारूकी बताते हैं कि उनकी ओर से पिछले साल 1 सितंबर को आईटी एक्ट की धारा-80जी के तहत टैक्स छूट के लिए अर्जी दी गई थी, जिसे इस साल 21 जनवरी को खारिज कर दिया गया था. उन्होंने 3 फरवरी को दोबारा आवेदन दिया था, जिसे अब मंजूर कर लिया गया है.
पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने पर टैक्स में छूट दी गई थी. आईटी एक्ट की धारा-80जी के तहत टैक्स में छूट का फायदा मिलता है.
ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि शुक्रवार को उन्हें टैक्स में छूट को मंजूरी देने वाला सर्टिफिकेट मिल गया है. उन्होंने कहा कि टैक्स में छूट देने का फैसला देरी से होने के कारण विदेशों से भी दान नहीं आ सका. उन्होंने बताया कि "मस्जिद के लिए अब तक 20 लाख रुपए मिल चुके हैं. हमने डोनेशन के लिए कोई कैंपेन शुरू नहीं किया है. अब तक सभी ने अपनी मर्जी से दान दिया है."
कहां और कैसी बन रही है मस्जिद?
मस्जिद के लिए सरकार की ओर से अयोध्या के धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन दी गई है. हाल ही में ISCF ने अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी को मस्जिद की बिल्डिंग का प्लान भेजा है. प्रोजेक्ट के तहत 300 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, कम्युनिटी किचन और एक रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा. मस्जिद इतनी बड़ी होगी कि इसमें एक बार में करीब 2 हजार लोग नमाज अदा कर सकेंगे.