उत्तरप्रदेश में पुलिस उपाधीक्षक और दो अन्य की हत्या की जांच मामले में सुराग जुटाने में समस्या का सामना करने वाली सीबीआई ने इलाहाबाद-लखनऊ राजमार्ग पर कुंडा गांव में कैम्प कार्यालय स्थापित किया है और इस मामले में लोगों से सूचना देने की अपील की है.
पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक और अन्य दो लोगों की सनसनीखेज हत्या की जांच का काम सीबीआई को सौंपा गया है. सीबीआई ने कुंडा के पंचायत भवन में अपना कैम्प कार्यालय स्थापित किया है और लोगों से आगे आकर इस मामले में कोई जानकारी देने की अपील की है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि एजेंसी को लगता है कि गांववालों पर मुंह बंद रखने के लिये काफी दबाव है.
इस मामले में स्थानीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया आरोपी हैं. राजा भैया के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों एवं अदालतों में 16 मामले लंबित हैं.
इस मामले में एक भी गवाह जुटाने में विफल रही सीबीआई ने टेलीफोन नंबर 05341 230006 और ई मेल का पता एसपीसीयू1डीईएल एट सीबीआईडाटजीओवीडाटइन जारी किया है और लोगों से हक और ग्राम प्रमुख नन्हे यादव और उसके भाई सुरेश यादव की दो मार्च को हुई हत्या मामले में जानकारी देने को कहा है.
सीबीआई ने सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखने का वायदा किया है.
एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा, ‘सीबीआई ने आश्वस्त किया है कि उक्त जांच में किसी को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. क्षेत्र के निवासियों जिनमें से कई उपलब्ध नहीं है, उनसे अपील की गई है कि वे अपने घरों को लौटे और निष्पक्ष जांच में सीबीआई की मदद करें.’
अब तक हुई प्रारंभिक जांच में सीबीआई को गांव से कोई पुरुष गवाह नहीं मिला है क्योंकि एजेंसी के जांच कार्य अपने हाथ में लेने के बाद से वे अपने घर नहीं आए हैं.
जांच से जुड़े सीबीआई के अधिकारी ने कहा, ‘कुछ निहित स्वार्थी तत्वों की ओर से सीबीआई के बारे में गलत सूचनाएं फैलायी जा रही है और हम इससे निपट रहे हैं.’ जांच में नाम आने के बाद राजा भैया को उत्तरप्रदेश में अखिलेश यादव सरकार से मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
सीबीआई ने बालीपुर गांव में तीन हत्याओं के सिलसिले में चार मामले दर्ज किये हैं. सीबीआई टीम मामले से जुड़े घटनाक्रमों का तार जोड़ने में जुटी है और इस सिलसिले में राज्य पुलिस के एक निलंबित अधिकारी से भी पूछताछ की है.