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यूपी के मुख्य सचिव से मिलने पहुंची निलंबित IAS दुर्गा

ग्रेटर नोएडा की एसडीएम के निलंबन के केस में यूपी की अखिलेश सरकार फंसती हुई दिख रही है. इस मसले पर यूपी का आईएएस एसोसिएशन भी नाराज हो गया है. एसोसिएशन के सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा के साथ दुर्गा नागपाल ने यूपी के एक्टिंग मुख्य सचिव आलोक रंजन से मुलाकात की है.

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दुर्गा नागपाल
दुर्गा नागपाल

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ग्रेटर नोएडा की एसडीएम के निलंबन के केस में यूपी की अखिलेश सरकार फंसती हुई दिख रही है. इस मसले पर यूपी का आईएएस एसोसिएशन भी नाराज हो गया है. एसोसिएशन के सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा के साथ दुर्गा नागपाल ने यूपी के एक्टिंग मुख्य सचिव आलोक रंजन से मुलाकात की है. इस बीच यूपी सरकार ने इस निलंबन पर सफाई दी है कि दुर्गा सांप्रदायिक सौहार्द्र कायम रखने में नाकाम रही है.

पिछले कुछ दिनों में रेत और खनन माफिया पर दबिश डालने वाली दुर्गा शक्ति नागपाल को रविवार को ही सस्पेंड कर दिया गया था. सूत्रों से जानकारी मिली है कि दुर्गा के निलंबन को लेकर अब कोई भी फैसला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बैंगलोर से वापस आने के बाद ही होगा.

हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को खनन माफिया के दबाव में निलंबित किया गया है. अखिलेश ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका थी.

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उन्होंने बैंगलोर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर कहा, ‘ऐसी कई घटनाएं हुईं जिनसे सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है, जिसे रोकने के लिए प्रशासनिक फैसला करना जरूरी था. इसलिए यह फैसला (मजिस्ट्रेट के निलंबन का) किया गया.’

साल 2009 के बैच की आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल पिछले साल सितंबर में गौतमबुद्ध नगर की उप संभागीय मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात की गई थीं. उन्‍हें एक विवादित धार्मिक स्थल (मस्जिद) की दीवार गिराने की वजह से निलंबित किया गया है. हालांकि ये निर्माण बगैर अनुमति लिए गैरकानूनी तरीके से हो रहा था.

दुर्गा ने जिले में अनधिकृत खनन के खिलाफ कार्रवाई का नेतृत्व किया था और गैरकानूनी तरीके से रेत की खुदाई करने वालों के खिलाफ दो दर्जन से अधिक प्राथमिकियां दर्ज की थी.

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