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उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में भारी बढ़ोतरी को मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश के लोग अब भारी-भरकम बिजली बिल भरने को तैयार हो जाएं. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने ग्रामीण, घरेलू और व्यावसायिक बिजली की दरों में खासी बढ़ोतरी किये जाने को मंजूरी दे दी है.

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Electricity
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उत्तर प्रदेश के लोग अब भारी-भरकम बिजली बिल भरने को तैयार हो जाएं. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने ग्रामीण, घरेलू और व्यावसायिक बिजली की दरों में खासी बढ़ोतरी किये जाने को मंजूरी दे दी है. हालांकि यह बढ़ोतरी औद्योगिक क्षेत्र में लागू नहीं होगी. शहरी क्षेत्रों में बिजली के दामों में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है तो देहाती इलाकों में 45 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.

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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत शुल्क प्रति कनेक्शन प्रतिमाह 125 रुपये से बढाकर 180 रुपये कर दिया गया है. मीटर से बिजली प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं के लिए प्रति किलोवाट मासिक शुल्क प्रतिमाह 15 रुपये से बढाकर 50 रुपये कर दिया गया है, जबकि बिजली की दर प्रति यूनिट एक रुपये से बढ़ाकर 2.20 रुपये कर दी गई है.

शहरी क्षेत्रों में प्रति माह निश्चित शुल्क प्रति किलोवाट 65 रुपये से बढ़ाकर 75 रुपये कर दिया गया है, जबकि प्रतिमाह 200 यूनिट तक बिजली के खर्च पर अब 3.45 रुपये प्रति यूनिट की जगह 4 रुपये प्रति यूनिट भुगतान करना होगा.

201 से 500 यूनिट तक शुल्क राशि मौजूदा 3.8 रुपये से बढ़ाकर 4.5 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई है. 500 यूनिट से अधिक बिजली उपभोग पर प्रति यूनिट 5 रुपये का भुगतान करना होगा. एक वाट भार पर लाइफलाइन उपभोक्ताओं को अब 11 प्रतिशत अधिक शुल्क का भुगतान करना पडेगा.

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ग्रामीण इलाकों में लागू कार्यक्रम के अनुसार व्यावसायिक बिजली उपभोक्ताओं को अब प्रति माह प्रति कनेक्शन 200 रुपये की जगह पर 300 रुपये भुगतान करना पडेगा, जबकि मीटर पर बिजली कनेक्शन होने पर निश्चित शुल्क प्रति माह 50 से बढाकर 65 रुपये कर दिया गया है, जबकि प्रति यूनिट बिजली की खपत पर अब 1.9 रुपये की जगह 2.5 रुपये का भुगतान करना होगा.

शहरी इलाकों में व्यावसायिक बिजली की दरें प्रतिमाह 300 यूनिट तक प्रति यूनिट 5.75 रुपये से बढाकर 6 रुपये कर दी गयी है, जबकि 300 से अधिक की खपत पर प्रति यूनिट 6.5 रुपये देने होगे. ग्राम पंचायतों और नगर पालिका नगर निगम क्षेत्र में सार्वजनिक रास्तों पर रोशनी के लिए उपयोग होने वाली बिजली की दरों में प्रति यूनिट 5 पैसे से 10 पैसे तक मामूली बढ़ोतरी की गयी है.

सार्वजनिक संस्थानों को मिलने वाली बिजली की दरों में भी बदलाव किया गया है, जिसके अनुसार अब उन्हें प्रति किलोवाट प्रति माह 150 रुपये की जगह 200 रुपये का निश्चित शुल्क देना होगा और प्रति यूनिट की खपत पर 6.2 रुपये की जगह 6.5 रुपये देने होंगे. आयोग ने सिंचाई के लिए लगाए गये निजी नलकूपों की दरों में बढ़ोतरी कर दी है.

बिना मीटर के कनेक्शन पर लगने वाला निश्चित मासिक शुल्क प्रति बीएचपी 75 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया गया है, जबकि मीटर लगे होने पर निश्चित शुल्क प्रति बीएचपी 15 रुपये से बढाकर 30 रुपये और प्रति इकाई बिजली खपत का शुल्क 75 पैसे से बढाकर एक रुपये कर दिया गया है.

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शहरी इलाकों में यह दर क्रमश: 30 रुपये से बढाकर 55 रुपये प्रति बीएचपी और बिजली खपत पर दर दो रुपये की जगह 4 रुपये प्रति यूनिट कर दी गई है.

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि आयोग ने यह भारी बढ़ोतरी राज्य सरकार के दबाव में की है.

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