उत्तर प्रदेश की बांदा जेल (Banda Jail) में बंद माफिया मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को शत्रु संपत्ति फर्जी दस्तावेज मामले में सोमवार को लखनऊ कोर्ट में पेश किया गया. लखनऊ कोर्ट में मुख्तार अंसारी ने एक बार फिर खुद की जान का खतरा बताया है. अंसारी ने कहा कि उन्हें बांदा जेल में मेडिकल सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. अंसारी ने कोर्ट में बताया कि पूर्व विधायक होने के नाते जेल में उन्हें बी क्लास की सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की सभी केस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने की याचिका को खारिज कर दिया है. सोमवार को हुई इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने मंगलवार को विस्तृत आदेश जारी किया है.
गवाही न देने का बनाया जा रहा है दवाब
मुख्तार अंसारी ने कोर्ट के सामने पेश होकर जान लेवा हमले की आशंका जताते हुए कहा कि वाराणसी जेल में बंद बृजेश सिंह पर जानलेवा हमले का जो केस चल रहा है उस केस में गवाही न देने का दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले के कारण 17 सालों से जेल में रहते हुए भी मुकदमे दर्ज करवाए जा रहे हैं.
अंसारी की सभी मांगों को कोर्ट ने किया खारिज
मुख्तार अंसारी ने कोर्ट में अपील की बांदा जेल से सीसीटीवी फुटेज मंगवा ली जाए और मानकी के सभी न्यायिक कार्रवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करवाई जाए. मुख्तार अंसारी की इस अपील को कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि यह न्यायालय तय करेगा कि किस केस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई होगी और किस केस पर आरोपी को आना होगा. इस दौरान कोर्ट ने अंसारी की बांदा जेल से सीसीटीवी फुटेज मंगाने की अपील को भी खारिज कर दिया है.
फिलहाल इस मामले में लखनऊ एसीजेएम ने मंगलवार को विस्तृत आदेश देते हुए बांदा जेल अधीक्षक को निर्देशित किया है कि 2:00 पर जेल से बांदा जेल भेजे जाने के वक्त सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्देश दिए थे उसका पालन करवाया जाए.
क्या है शत्रु संपत्ति मामला?
लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मुख्तार अंसारी, उनके बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी के खिलाफ जियामऊ इलाके में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शत्रु संपत्ति हथिया कर उस पर अवैध निर्माण कराने का केस दर्ज हुआ था.