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हाथरस कांडः PFI के 4 संदिग्ध सदस्यों से पूछताछ करेगी ED, कोर्ट से मिली इजाजत

प्रवर्तन निदेशालय (ED) हाथरस मामले में गिरफ्तार किए गए पीएफआई के संदिग्ध चार सदस्यों से बुधवार को पूछताछ कर सकता है. इन चारों लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे पर मेन टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया था.

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पीएफआई के सदस्यों से पूछताछ करेगी ईडी (फोटो-PTI)
पीएफआई के सदस्यों से पूछताछ करेगी ईडी (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएफआई के सदस्यों से पूछताछ करेगी ईडी
  • मथुरा कोर्ट ने ईडी को दी है इसकी इजाजत
  • विदेश से गलत तरीके से फंड पाने का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) हाथरस मामले में गिरफ्तार पीएफआई के संदिग्ध चार सदस्यों से बुधवार को पूछताछ कर सकता है. इन चारों लोगों को यमुना एक्सप्रेसवे पर मेन टोल प्लाजा के पास से गिरफ्तार किया गया था.

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गिरफ्तार लोगों में पत्रकार सिद्दीक कप्पन, सिविल सेवा की तैयारी करने वाले मसूद अहमद, पीएचडी करने वाले अतीकुर्रहमान और उनका ड्राइवर मोहम्मद असलम शामिल हैं. ये सभी लोग हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे, उसी समय इन्हें गिरफ्तार किया गया था.

असल में, ईडी को संदिग्ध सदस्यों से पूछताछ करने की इजाजत मिल गई है. ईडी ने मथुरा कोर्ट से पूछताछ के लिए इजाजत मांगी थी. उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि उसने इन सभी आरोपियों के कब्जे से मोबाइल फोन, लैपटॉप और संदिग्ध साम्रगी बरामद की है.

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चूंकि ED ने पहले से दिल्ली में PFI के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर रखा है, और इस मामले की विवेचना जारी है. ईडी का कहना है कि दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों में उक्त अभियुक्त यानी इन PFI सदस्यों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. इसलिए कोर्ट ने अपील है कि जिला कारागार मथुरा में बंद इन चारों आरोपियों से पूछताछ करने की इजाजत मिले. कोर्ट ने पूछताछ की इजाजत दे दी है.

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पुलिस का आरोप है कि ये उन लोगों से जुड़े हुए हैं जो दंगा भड़काना और शांति व्यवस्था को भंग करना चाहते थे. पुलिस ने आरोप लगाया है कि यूपी में सौहार्द बिगाड़ने के लिए विदेशी फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है. आरोप लगाया जा रहा है कि गलत तरीके से फंड एकत्रित किया गया और वेबसाइट का चलाने में उसका इस्तेमाल किया गया.


 

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