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UPPCL पीएफ घोटाला: कर्मचारियों के पैसे लौटाएगी योगी सरकार, किया लिखित वादा

प्रमुख उर्जा सचिव अरविंद कुमार ने भरोसा दिलाया है कि अगर कानूनी प्रक्रिया के तहत डीएचएफएल से पैसा वापस नहीं मिलता है तो सरकार का पॉवर कॉर्पोरेशन कर्मचारियों के पीएफ के पैसों का भुगतान करेगी.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-PTI)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-PTI)

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  • UPPCL कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत, मिलेंगे फंसे रुपये
  • सरकार ने किया वादा, पीएफ के पैसे का होगा भुगतान
उत्तर प्रदेश में भविष्य निधि घोटाला मामले में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) कर्मचारियों के फंसे पैसों को लौटाने का सरकार ने लिखित वादा किया है. प्रमुख उर्जा सचिव अरविंद कुमार ने भरोसा दिलाया है कि अगर कानूनी प्रक्रिया के तहत डीएचएफएल से पैसा वापस नहीं मिलता है तो सरकार का पॉवर कॉर्पोरेशन कर्मचारियों के पीएफ के पैसों का भुगतान करेगी. साथ में यह भी कहा कि अगर पॉवर कॉर्पोरेशन के पास पैसे की कमी होगी तो सरकार की तरफ से ट्रस्ट को लोन दिया जाएगा, जिससे कर्माचारियों का पैसा वापस किया जा सके.

बता दें इससे पहले भविष्य निधि घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के 3 अधिकारियों को सरकारी गवाह बनाने का फैसला किया था. अकाउंट विभाग के इन तीन अधिकारियों का बयान इस मामले के आरोपी और तत्कालीन एमडी एपी मिश्रा के खिलाफ अहम साबित हो सकता है.

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आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में अकाउंट विभाग में तैनात महेश चंद्र, कमल कुमार श्रीवास्तव और बलविंदर सिंह को गवाह बनाया है. EOW ने इन तीनों कर्मचारियों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए जा चुके हैं.

सूत्रों के मुताबिक एपी मिश्रा ने भविष्य निधि के पैसे को नियम के विपरीत निवेश करने के लिए इन अधिकारियों से गलत नोटिंग करवाई थी. इस मामले की जांच कर रही एजेंसियों ने घोटाले में शामिल शेयर ब्रोकर कंपनियों के अधिकारियों से भी पूछताछ की थी.

पीएफ घोटाले पर बढ़ी सियासत

विपक्ष यूपीपीसीएल घोटाले को लेकर सत्तारूढ़ सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से लगातार सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी कर्मचारियों के पीएफ घोटाले पर काफी मुखर होकर विरोध जताती रही हैं.

वहीं यूपीपीसीएल पीएफ घोटाले पर बातचीत करते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने हाल ही में कहा था कि हमारी यह लगातार कोशिश है कि यूपीपीसीएल का जो पैसा डीएचएफएल में फंसा है वह हर हाल में वापस आए. कर्मचारी हमारे परिवार की तरह हैं, उनका अहित नहीं होने दिया जाएगा.

वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार में 41 सौ करोड़ रुपये डीएचएफएल में जमा कराए गए. लल्लू इस मुद्दे पर योगी सरकार और ऊर्जा मंत्री पर लगातार हमलावर रहे हैं. कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर प्रदेश में प्रदर्शन भी कर रही है.

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क्या है मामला?

गौरतलब है कि हाल ही में यूपीपीसीएल में ईपीएफ घोटाले का मामला सामने आया है. यह घोटाला 26 अरब की राशि का बताया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है.

सीबीआई के जांच शुरू होने से पहले फिलहाल ईओडब्ल्यू इस केस की जांच कर रही है. दरअसल, यूपी शासन के अधिकारियों ने बिजली कर्मचारियों की कमाई को एक विवादास्पद कंपनी डीएचएफएल में निवेश कर दिया था. इस मामले में अब तक तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता और पूर्व एमडी एपी मिश्र की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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