दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के इटावा में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में सैकड़ों महिलाएं सड़क पर आ गईं. इसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने के लिए धक्का-मुक्की की और महिलाओं के साथ मौजूद भीड़ पर लाठीचार्ज किया.
इटावा के मुस्लिम बाहुल्य इलाके पचराह में मंगलवार की सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एकत्रित होने लगी थीं. देर रात होते-होते इनकी संख्या हजारों में पहुंच गई. हालांकि, प्रशासन ने दोपहर से ही धारा-144 लगे होने का हवाला देते हुए भीड़ को वहां से हट जाने को कहा लेकिन महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ डटी रहीं.
महिलाओं का कहना था कि जब सरकार के मंत्री इस कानून के पक्ष में भीड़ एकत्रित कर जुलूस निकाल कर धारा 144 का उलंघन कर सकते हैं तो हम शांतिपूर्ण तरीके से इसका विरोध क्यों नहीं कर सकते हैं.
अंधेरा होते ही महिलाओं के आस-पास पुरुषों की भीड़ जमा होने लगी और संख्या हजारों में पहुंच गई. इसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इस दौरान पुलिस ने वहां मौजूद लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा.
वहीं, धरने पर बैठी महिलाओं को सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम की तरफ से समझाने की कोशिश की गई लेकिन जब बात नहीं बनी तो वहां मौजूद महिलाओं को जबरदस्ती हटाया गया. पुलिस के मुताबिक जिले की सारी फोर्स और आला अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
वहीं, प्रोटेस्ट कर रही महिलाओं ने कहा, 'हमें जबरदस्ती उठाया गया. भद्दी-भद्दी गालियां दी गईं, पीटा गया. लोगों के साथ बदसलूकी की गई. हमलोग शन्ति पूर्वक प्रोटेस्ट कर रहे थे. क्या अब हमें ये अधिकार भी नहीं है. बुजुर्ग और बच्चों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा.'
(इनपुट- साबिर शेख)