देश की सबसे पुरानी पार्टी में लगभग 12 महीने पहले आए बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिलाने वाले प्रशांत किशोर का रंग दिखने लगा है. कांग्रेस ने अब यूपी में पीके फॉर्मूले पर चलने का मन बना लिया है. दिल्ली में मुख्यमंत्री के तौर पर 15 साल बिताने वाली शीला दीक्षित को कांग्रेस ने अब उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का चेहरा बना लिया है. इससे साफ है कि युवाओं की जगह पार्टी ने अनुभवियों पर भरोसा किया है. आइए बताते हैं आपको शीला दीक्षित से जुड़ी खास बातें और यह भी कि आखिर कांग्रेस को 'बेस ' (परंपरागत ब्राह्मण वोटर ) क्यों पसंद है?
ये है यूपी कनेक्शन
1. यूपी के प्रमुख कांग्रेसी नेता स्वर्गीय उमाशंकर दीक्षित के परिवार से ये ताल्लुक रखती हैं.
2. उमाशंकर दीक्षित केंद्रीय मंत्री के साथ साथ राज्यपाल भी रहे थे.
3. ब्राह्मण समुदाय से ये ताल्लुक रखती हैं.
4. ब्राह्मण वोट बैंक पर सेंध लगाने के इरादे से कांग्रेस ने मैदान में उतारा.
5. प्रदेश में मंदिर-मंडल की राजनीति को काटने के मूड में है कांग्रेस.
6. प्रदेश में इस समय 10 से 12 फीसदी ब्राह्मण हैं.
7. ब्राह्मण कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि जो अब बीजेपी और बसपा के पास छिटककर चले गए हैं.
दिल्ली की थीं पहली मुख्यमंत्री
1. कपूरथला में इनका जन्म 31 मार्च 1938 को हुआ.
2. इन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से शिक्षा ली.
3. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री ली.
4. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी है.
5. इनके पति विनोद दीक्षित आईएएस थे.
6. इनके एक बेटा संदीप दीक्षित और एक बेटी लतिका सईद है.
7. 1984 से 1989 तक शीला दीक्षित ने सांसद के रूप में उत्तर प्रदेश के कन्नौज संसदीय क्षेत्र की अगुवाई की.
8. ये देश की पहली ऐसी महिला हैं, जो लगातार तीन बार सीएम बनीं.
9. इनके सर दिल्ली की पहली महिला सीएम होने का भी खिताब है.
10. 1990 में शीला अपने 82 साथियों के साथ महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आंदोलन कर रहीं थी. उन्हें उनके 82 साथियों के साथ 1990 में 23 दिन जेल में गुजारने पड़े थे.