समाजवादी पार्टी के साथ साथ एमएलसी के पद को छोड़ कर भाजपा का दामन थामने वाले बुक्कल नवाब के लिये महंगा साबित हो रहा है. हाल ही में मजहर हुसैन उर्फ बुक्कल नवाब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. पार्टी में ज्वाइन करने के दूसरे दिन ही लखनऊ जिला प्रशासन ने बुक्कल नवाब को 6.94 करोड़ रुपए की रिकवरी नोटिस थमा दिया है. बुक्कल नवाब जिस परेशानी से बचने के लिए बीजेपी में गए वो कम होने के बजाय बढ़ गई है.
दरअसल बुक्कल के खिलाफ जियामऊ में गलत तरीके से मुआवजा लेने का मामला है. जबकि इससे पहले हुसैनाबाद हेरिटेज जोन में बिल्डिंग गलत तरीके से बनाने के मामले में भी बुक्कल नवाब को एलडीए नोटिस दे चुका है. एलडीए ने बिल्डिंग गिराने की नोटिस दी है.
गौरतलब है कि बुक्कल नवाब लगातार अपने पर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि ये पुराना मामला है और जांच में सब साफ हो जाएगा। उन्होंने कोई धोखाधड़ी नहीं की है. हालही में बुक्कल नवाब से विधानपरिषद की सदस्यता से
इस्तीफा देने के साथ ही समाजवादी पार्टी छोड़ दी है. जिसके बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें बीजेपी ज्वाइन कराई. कहा ये भी जाता है सपा सरकार के वक्त बुक्कल नवाब मे लखनऊ शहर भर में कई अवैध इमारतों का निर्माण कराया जिसकी जांच से
बचने के लिये उन्होने योगी आदित्यनाथ की सरकार का दामान थामा है. लेकिन मुसीबत कम होने के बजाय बढ़ गई है.