यूपी में किसानों की कर्ज माफी एक बड़ा मुद्दा है. बीजेपी ने इसे अपना चुनावी मुद्दा बनाया था और आज राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है. चुनावी सभाओं के दौरान पीएम मोदी ने कई बार कहा था कि सरकार बनने के बाद जब पहली कैबिनेट बैठेगी तो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. चार अप्रैल को कबिनेट की पहली बैठक होगी.
पहली कैबिनेट बैठक से ठीक पहले आज तक ने यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से बातचीत की है. इस बातचीत में कृषि मंत्री ने बताया, 'किसानों की कर्जमाफी को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं. बीजेपी के संकल्प पत्र में ये बड़ा मुद्दा था और किसानों से जुड़ी जो बाते हैं उसे हम लागू करने वाले हैं. कर्ज माफी के 2-3 विकल्प हमने खोजे हैं. इसमें जो सबसे अच्छा विकल्प होगा वही लागू किया जाएगा.’
इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करते हुए कृषि मंत्री ने आगे कहा, 'देखिए, यूपी में 2 करोड़ 33 लाख सीमांत और लघु किसान हैं . वहीं लगभग दो करोड़ छोटे किसान भी हैं.’
वहीं आज तक के पास जो जानकारी है उसके मुताबिक कर्ज माफी के लिए सूबे के डेढ़ करोड़ किसानों की लिस्ट बनाई गई है. जिनके कर्ज माफ किए जा सकते हैं. योगी सरकार केंद्र से कर्ज लेकर किसानों को राहत देगी.
यहां यह गौरतलब है कि यूपी में 60 फीसदी लोग खेती में लगे हैं और राज्य की कुल आमदनी का 30 फीसदी हिस्सा खेती से आता है. आर्थिक मामलों के जानेमाने थिंक टैंक Indian Council for Research on International Economic Relation ( ICREIR) ने यूपी में कृषि क्षेत्र के बारे में एक रिपोर्ट बनायी है. इस रिपोर्ट में जोर दिया गया है कि यूपी की किस्मत चमकाने की चाभी किसानों के ही हाथ में है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यूपी में खेती की विकास दर बढ कर 5 फीसदी हो जाए तो राज्य में गरीबी में काफी कमी आ सकती है.