उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानूनों की वापसी को किसानों की जीत बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से माफी मांगे जाने को लेकर भी तंज किया और कहा कि जनता माफ नहीं करेगी. जनता चुनाव में साफ करेगी.
अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनाव को देखते हुए लिया गया फैसला बताया और कहा कि जिस तरह से जनता सड़कों पर आ गई, हो सकता है उसकी वजह से घबराकर सरकार को ये फैसला वापस लेना पड़ा हो. उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि चुनाव के बाद भविष्य में इस तरह के कानून नहीं लाए जाएंगे, इसका आश्वासन कौन देगा.
सपा सुप्रीमो ने किसानों को बधाई दी और साथ ही ये भी कहा कि जनता को सतर्क रहना होगा. बिना इनको हटाए किसानों के हित में फैसले नहीं होंगे इनका दिल साफ नहीं है. चुनाव बाद ये फिर से बिल लाएंगे. उन्होंने बीजेपी पर वोट के लिए सबकुछ करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की नजर किसानों के हित पर नहीं, वोट पर है. अखिलेश ने सरकार पर हमला बोला और सवालिया लहजे में कहा कि इस आंदोलन के दौरान जिन किसानों की जान गई है, क्या बीजेपी उनकी जान वापस ला सकती है. क्या किसानों पर अत्याचार के लिए ये सरकार माफी मांगेगी?
उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र किया और ये सवाल किया कि जिस मंत्री पर आरोप है, उसे मंत्रिमंडल से कब निकाला जाएगा. पूरे मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना चाहिए, सरकार को इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने इसके लिए किसानों को श्रेय दिया और साथ ही ये मांग भी कर दी कि सरकार को उन किसानों की मदद करनी चाहिए, जिनकी इस आंदोलन के दौरान जान गई है. कहां हैं वो नेता जो चैनलों पर बैठकर कानून ऐसा है, वैसा है कहते थे.
अखिलेश यादव ने एमएसपी का मसला भी उठाया और सवाल किया कि इसे लेकर कब कानून बनेगा. उन्होंने नए कृषि कानूनों को पूंजीपतियों के पक्ष में बनाया गया कानून बताया और कहा कि सरकार मंडियों के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया है. प्रधानमंत्री ये बताएं कि उन्होंने किसी एक मंडी का भी लोकार्पण किया हो.