गोरक्षा के लिए रोज नई-नई योजनाएं लाने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिए गाय अब मुसीबत का दूसरा नाम बन चुकी है. पूरे प्रदेश में जहां देखो गायों का उत्पात जारी है और उनके उत्पात से प्रदेश के किसान भी परेशान हैं. यूपी की सड़कों की लेकर स्कूलों में, अस्पतालों में, खेतों में और कूड़े कचरे के ढेर पर हर जगह मंडराती गायों को देखा जा सकता है. गाय ही नहीं सांड और बछड़े भी सड़कों पर कुश्ती करते नजर आ जाते हैं.
पूरे यूपी के किसान गोवंश के उत्पात से परेशान हैं. योगी सरकार के कार्यकाल में गोवंश की हत्या और तस्करी पर तो लगाम लग गई, लेकिन दूसरी मुसीबत खड़ी हो गई. ये गोवंश किसानों की फसलें सफाचट कर रहे हैं. यही वजह है कि जगह-जगह किसानों ने आवारा गोवंश को कहीं स्कूलों में तो कहीं अस्पतालों और दूसरे सरकारी दफ्तरों में खड़ा कर दिया. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि पूरे राज्य में जगह जगह गोशाला बनाई जाएंगी.
इनका खर्चा शराब और दूसरी कुछ चीजों पर टैक्स लगाकर वसूला जाएगा. यही नहीं, मुख्यमंत्री ने 10 दिन के भीतर आवारा पशुओं को गोशाला में भेजने का अल्टीमेटम भी दे दिया. सीएम योगी के आदेश के बाद प्रशासन में हलचल हुई, आवारा पशुओं को पकड़ने का काम शुरू हुआ. यह भी ऐलान हुआ कि जो भी किसान अपनी गाय को खुला छोड़ेगा, उस पर 5 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. लेकिन इस फरमान का असर उस स्तर पर नहीं हुआ. अगर होता तो सड़कों पर इनका उत्पात नहीं दिखता.
गोवंश के आतंक से परेशान किसान अब पूस की रात में अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं. प्रदेश में चल रही निजी गोशालाओं में गायों की हालत खस्ता है. अलीगढ़ के टप्पल में खुले में बनी एक गोशाला में ठंड की वजह से पिछले कुछ दिनों में 6 गायों ने दम तोड़ दिया.
दरअसल, योगी आदित्यनाथ का गौ प्रेम किसानों पर भारी पड़ रहा है. आवारा जानवर खेत में खड़ी फसल चर जा रहे हैं. किसानों के दिन का चैन और रातों की नींद हराम हो गई है. ऐसे में किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. इस बीच, यूपी में सड़कों पर घूमने व किसनों की फसल को नष्ट करने वाली गायों से किसी को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए योगी सरकार ने नया तरीका खोज निकाला है.
योगी सरकार इन गायों को प्रदेश की खाली पड़ी जेलों में रखने की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक जेलों में गायों के पहुंचने के बाद बंदी इनकी देखभाल करेंगे. इसके लिए कैदियों को मेहनताना भी दिया जाएगा. साथ ही प्रदेश में खाली पड़ी जेल की जमीनों की घेराबंदी कर बाड़े बनाए जाएंगे.
फिलहाल 31 जनवरी तक प्रदेश के जेलों में आवारा जानवरों को रखे जाने के लिए 31 जनवरी तक इंतजाम करने का आदेश दिया गया है. प्रदेश के सभी अधीक्षकों से खाली पड़ीं जेलों की जमीन का ब्योरा मांगा गया है. खाली जमीनों पर बनने वाले बेड़ों की जिम्मेदारी नेताओं को भी दी जाएगी. साथ ही जानवरों के लिए जेलों की जमीन पर चारा भी उगाया जाएगा.