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ज्ञानवापी केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने टाला फैसला, अब 17 नवंबर की तारीख तय

ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की सिविल फास्ट ट्रैक कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. उसके बाद सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार पांडे की अदालत ने 2 दिन के लिए फैसला टाल दिया है. अब इस मामले में 17 नवंबर को फैसला आएगा. यानी अब 17 नवंबर को कोर्ट फैसला सुनाएगा कि ये केस सुनने योग्य है या नहीं.

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ज्ञानवापी मस्जिद (File Photo).
ज्ञानवापी मस्जिद (File Photo).

ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की सिविल फास्ट ट्रैक कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. उसके बाद सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार पांडे की अदालत ने 2 दिन के लिए फैसला टाल दिया है. अब इस मामले में 17 नवंबर को फैसला आएगा. यानी अब 17 नवंबर को कोर्ट फैसला सुनाएगा कि ये केस सुनने योग्य है या नहीं.

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बता दें कि किरण सिंह बिसेन ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पिछली तारीख में निर्णय सुरक्षित रख लिया था. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने कहा कि कोर्ट ने अपना फैसला तैयार कर लिया है, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के चलते 2 दिन का और समय लिया है. जिला फास्ट ट्रैक सीनियर डिवीजन कोर्ट में मामलों का बहुत बोझ है जिसके चलते यह फैसला 2 दिन के लिए टाला गया है. हमें पूरी उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में होगा और सभी पहलुओं के मद्देनजर रखते हुए फैसला सुरक्षित है.

उन्होंने आगे कहा- इस फैसले का हाईकोर्ट का शृंगार गौरी मामले में दिए गए ऑब्जरवेशन से कोई संबंध नहीं है कि दोनों मामले अलग हैं, इसीलिए इसमें फैसला निश्चित है. हिंदू पक्ष के पक्षकार संतोष सिंह ने कहा कि हमें न्यायालय पर भरोसा है और भले ही 2 दिन की देरी हुई है लेकिन फैसला सही होगा. 2 दिन के इंतजार के बाद साफ हो जाएगा. हमारा दावा मजबूत है और सभी पहलुओं को मजबूती से रखा है .

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याचिका में थीं ये मांगें 

  • तत्काल प्रभाव से भगवान आदि विश्वेश्वर शंभू विराजमान की नियमित पूजा प्रारंभ हो.  
  • संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए. 
  • संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को दिया जाए. 
  • मंदिर के ऊपर बने विवादित ढांचे को हटाया जाए.

मुस्लिम पक्ष के केस की पोषणीयता पर सवाल 

हिंदू पक्ष की किरण सिंह की तरफ से एक मुकदमा वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रेक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में इसी साल से चल रहा है. इस केस की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ आपत्ति दर्ज की गई थी. इसके बाद कोर्ट ने आर्डर 7 रूल 11 पर सुनवाई शुरू की और दोनों ही पक्षों के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया था.

मुस्लिम पक्ष को केस खारिज होने की उम्मीद

जिला जज की अदालत में पोषणीयता का मामला खारिज कर देने की तरह इसमें भी खारिज होने की आशंका के जवाब में उन्होंने बताया कि जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामला नियमित सिर्फ पूजा को लेकर था, जबकि इस केस में ज्ञानवापी मस्जिद के टाइटल को लेकर है. इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि यह मुकदमा कोर्ट खारिज कर देगा. वहीं हिंदू पक्ष से किरण सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी ने भी बताया कि केस खारिज हो जाने की स्थिति में उनकी ओर से ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा.

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