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नए साल में सभी वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी कर दिया गया है. यमुना एक्सप्रेसवे पर फास्टैग फरवरी से शुरू होगा. आईडीबीआई बैंक और जेपी इन्फ्राटेक इसके लिए सहमत हो गए हैं.
आईडीबीआई बैंक और जेपी इन्फ्राटेक के बीच इस सिलसिले में करार होना है. इंसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) ने यमुना अथॉरिटी को यह जानकारी दी है.
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने पिछले सप्ताह एक बैठक की थी जिसमें एक सप्ताह में यमुना एक्सप्रेसवे पर फास्टैग को लागू करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए थे.
असल में, फास्टैग सुविधा देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर लागू की गई है, लेकिन यह सुविधा यमुना एक्सप्रेसवे पर उपलब्ध नहीं है. एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले वाहनों को मैन्युअल रूप से टोल टैक्स देना पड़ता है. इसकी वजह से समय के साथ ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती जा रही है.
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जेपी इंफ्राटेक के अधिकारियों ने बताया कि क्रैश बैरियर लगाने के लिए 27 जनवरी तक टेंडर जारी किया जाएगा. यह काम फरवरी से शुरू होगा.
2011 से लागू से सिस्टम
बता दें कि फास्टैग सिस्टम 2011 में लागू किया गया था और 2018 तक 34 लाख से अधिक वाहन फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे थे. वर्ष 2017 के बाद खरीदे जाने वाले सभी वाहनों के लिए फास्टैग को जरूरी कर दिया था. फास्टैग पूरी तरह से लागू होने के बाद कैश भुगतान से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा, साथ ही ईंधन और समय की बचत भी होगी.
क्या होता है फास्टैग
फास्टैग को गाड़ियों के विंड स्क्रीन पर स्टीकर की तरह लगाया जाता है. क्रॉसिंग के दौरान डिवाइस रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी की मदद से टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर से कनेक्ट होता है और फिर फास्टैग से जुड़े अकाउंट से पैसे कट जाते हैं. और इससे टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती है और ट्रैफिक आसानी से आगे बढ़ता है.