उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां महिला ग्राम प्रधान ने अपने ही पति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई है. मामला सरैया तिवारी गांव का है. महिला प्रधान अर्चना ने अपने टीचर पति महेश कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सीएम और सीडीओ को लिखित में शिकायत दी थी.
महिला प्रधान का आरोप है कि जनता ने उन्हें प्रधान चुना है, लेकिन पति उनको रबर स्टाम्प की तरह प्रयोग कर रहा है. प्रधान पति ग्राम पंचायतों से संबंधित सभी कागज, चेक बुक, विड्राल को अपने पास रख कर फर्जी सिग्नेचर कर ग्राम विकास के कार्यों में भ्रष्टाचार कर रहा है. ग्राम विकास के किसी भी काम में महिला प्रधान की राय नहीं ली जाती है.
ग्राम विकास अधिकारी की मिलीभगत से फर्जी स्टाम्प और सिग्नेचर से ग्राम विकास निधि का पैसा निकाल कर बंदरबांट किया जा रहा है. महिला प्रधान ने सीएम और जिले के आला अधिकारियों से ग्राम प्रधान का अधिकार दिलाने की मांग की है.
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला प्रधान की तहरीर पर उसी के पति के खिलाफ हर्रया थाना पुलिस ने कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है. हालांकि, अब तक प्रधान पति की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पति दे रहा ग्राम प्रधान को धमकी
पति अपनी प्रधान पत्नी को लगातार केस वापस लेने की धमकी दे रहा है. महिला ग्राम प्रधान अपने पति के डर से किसी अज्ञात जगह पर छिपी हुई है. लेकिन उसने हिम्मत दिखाकर अपने पति के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है. यह उन ग्राम प्रधान महिलाओं के लिए मिसाल है, जिनके परिजन और पति उन्हें रबर स्टैंप समझते हैं. नाम के लिए तो महिला प्रधान है लेकिन प्रधानी कोई और चलाता है.
'मुझे मेरा हक मिले'
अर्चना ने कहा, ''विरोध करने पर मुझे मेरे घर से निकाल दिया गया. मुझे और मेरे बेटे को जान का खतरा है. मेरे पति सारा काम खुद करते हैं. इतना ही नहीं, मुझसे किसी भी दस्तावेज में दस्तखत भी नहीं करवाते हैं. मैं यही चाहती हूं कि मुझे मेरा हक मिले.''
एसपी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि महिला ग्राम प्रधान की तहरीर पर उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है.