Mukhtar Ansari Case: बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेनामी संपत्तियों को खंगाल रहे आजमगढ़ और लखनऊ जिला प्रशासन को मुख्तार अंसारी की संपत्तियों की फाइल नहीं मिल रही है. बताया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी और उनकी पत्नी के नाम पर लखनऊ के हुसैनगंज इलाके में जो संपत्ति दर्ज है उसकी फाइल गायब गायब हो गई है. फिलहाल लखनऊ नगर निगम ने इस संपत्ति का चिन्हीकारण कर एलडीए को पत्र लिख मूल्यांकन कराने को कहा है.
दरअसल बीते महीने एसपी आजमगढ़ की रिपोर्ट पर आजमगढ़ जिला प्रशासन ने बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की अपराध से जुटाई लखनऊ में संपत्ति का ब्यौरा मांगा था. जिसमें तमाम संपत्ति अपनी पत्नी अफशा अंसारी के नाम पर दर्ज कराई गई थी. आजमगढ़ जिला प्रशासन से मांगी गई जानकारी पर जब लखनऊ नगर निगम ने फाइलें खंगालना शुरू किया तो भूखंड संख्या 1 से जुड़ी फाइल गायब मिली.
भूखंड एक लखनऊ नगर निगम में 47 नंबर है. इसका एक चौथाई हिस्सा 2078 वर्ग फुट विधान सभा मार्ग पर है जो हुसैनगंज के अंतर्गत आता है. जमीन का यह टुकड़ा सुनील चक ने मुख्तार अंसारी की पत्नी को बेचा था. लेकिन सुनील चक से पहले नजूल की जमीन को किस किस ने खरीदा-बेचा इससे जुड़ा कोई दस्तावेज नगर निगम में नहीं मिला.
इस पर एसडीएम सदर प्रफुल्ल त्रिपाठी का कहना है कि हुसैनगंज समेत कई अन्य जगहों के 86 गांव के दस्तावेज तहसील में उपलब्ध नहीं हैं. बीच में रिकॉर्ड रूम में आग भी लगी तो तमाम फाइलें जलकर खाक हो गई. मुख्तार अंसारी से जुड़ी यह संपत्ति भी उसी 86 गांव की है. लेकिन नगर निगम ने इस संपत्ति का चिन्हीकरण कर लिया है और इसका मूल्यांकन करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा जा चुका है.
एलडीए के पास कुछ नक्शे पुराने दस्तावेज है जिनसे इस संपत्ति का मूल्यांकन एलडीए के द्वारा किया जाएगा. एलडीए से रिपोर्ट मिलने के बाद आजमगढ़ जिला प्रशासन को मांगी गई जानकारी भेजी जाएगी.