सपा सरकार ने नए साल के पहले ही दिन अपने मुख्य विपक्षी बीएसपी की घेरेबंदी कर दी. सूबे के बहुचर्चित स्मारक घोटाले में पिछली बीएसपी सरकार के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा और चहेते अफसरों समेत 19 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत कई प्रमुख धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मुकदमे के घेरे में कुल 199 आरोपी हैं.
सतर्कता विभाग के महानिदेशक एएल बनर्जी के निर्देश पर बुधवार को देर शाम यह मुकदमा राजधानी के गोमतीनगर थाने में दर्ज किया गया. मामले में 2007 में प्रमुख पद पर तैनात रहे आइएएस अफसर तत्कालीन प्रमुख सचिव आवास और शहरी नियोजन मोहिन्दर सिंह भी शामिल है.
यह कार्रवाई लोकायुक्त जांच की कुल 1200 पन्ने की रिपोर्ट के परीक्षण के बाद की गयी है. मुकदमा दर्ज होने के बाद अब विवेचना की कार्रवाई शुरू होगी. स्मारक घोटाले में नामजद किए गए पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बताया, 'इस मामले में मेरा कोई लेना-देना नहीं है. न तो मेरे कहीं हस्ताक्षर हैं और न ही मैंने इसको अप्रूवल दिया था.
इस मामले की फाइल कभी मेरे सामने नहीं आई. मुझे इसके लिए कैसे जिम्मेदार ठहराया जा रहा है? मंत्री होने के नाते ही मैंने इस मामले की समीक्षा की थी. जिस लोकायुक्त की सिफारिश पर सरकार यह कार्रवाई कर रही है, सुप्रीम कोर्ट में उसकी वैधता को ही चुनौती दी गई है.'