उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव आनंदेश्वर पांडेय पर दुष्कर्म के प्रयास और धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ है. हालांकि यह मुकदमा राजस्थान में दर्ज हुआ है लेकिन घटना लखनऊ में होने के कारण इसको यहां ट्रांसफर कर दिया गया है. मुकदमा बरेली की रहने वाली एसएसबी में तैनात महिला सिपाही ने दर्ज कराया है.
बरेली की रहने वाली पीड़िता हैंडबॉल की राष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाड़ी है और 2017 से सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में सिपाही के पद पर तैनात हैं. इस वक्त राजस्थान में एसएसबी में पोस्टेड है. पीड़िता के मुताबिक, उत्तर प्रदेश हैंडबॉल संघ के सचिव आनंदेश्वर पांडे ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था और धमकी भी दी थी.
पीड़िता का आरोप है कि उसकी मुलाकात आनंदेश्वर पांडेय से कई महीनों से हुई थी, वह अपने चयन के सिलसिले में मिली थी, इसके बाद पीड़िता का चयन प्रशिक्षण कैंप में हो गया, उसने इसके लिए आनंदेश्वर पांडेय को व्हाट्सएप पर धन्यवाद भी दिया और प्रशिक्षण पूरा किया. प्रशिक्षण के दौरान ही आनंदेश्वर से उसकी बातचीत होने लगी थी.
पीड़िता के मुताबिक, 'जब उसका फाइनल सिलेक्शन होना था, उसी दिन कोच ने कहा कि जाकर आनंदेश्वर सर से मिल लो, जब मैं उनके दफ्तर पहुंची तो शराब की बोतलें टेबल पर रखी हुई थी, मैं वापस आने के लिए मुड़ी तो आनंदेश्वर पांडेय पीछे से आ गए, उन्हें दरवाजा बंद कर लिया और दुष्कर्म का प्रयास किया.'
महिला का आरोप है, 'आनंदेश्वर पांडेय ने महिला खिलाड़ी से कहा कि उसको इंटरनेशनल खिलाड़ी बना देंगे, बहुत सी लड़कियों को इंटरनेशनल खिलाड़ी बनाया है, इसके लिए तुम्हें 2 साल तक शारीरिक संबंध बनाने होंगे, यही नहीं इस दौरान विरोध करने पर जबरदस्ती करने लगे और पीड़ित महिला खिलाड़ी की जर्सी में हाथ डाल दिया.'
महिला ने आगे कहा, 'आनंदेश्वर पांडेय खींचातानी करने लगे, जिससे उसकी जर्सी भी फट गई, किसी तरीके से खुद को पीड़िता ने बचाया, इस दौरान उसने पिता के उम्र होने की दुहाई दी तो आनंदेश्वर पांडेय ने धमकी दी और कहा कि तुम मेरी ताकत नहीं जानती हो, सारा खेल करिअर बर्बाद कर दूंगा, तुम कहीं से खेल नहीं पाओगी.'
अब महिला की तहरीर पर राजस्थान के भिवाड़ी थाने में मुकदमा दर्ज हो गया है. घटनास्थल लखनऊ का होने की वजह से लखनऊ के हजरतगंज में इसको ट्रांसफर कर दिया गया है. इससे पहले यूपी ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव आनंदेश्वर पांडेय की आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल हुई थी, जिसकी शिकायत भी मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई थी.