गर्लफ्रेंड के परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ लव मैरिज करने वाले प्रमियों के लिए राहत की खबर है. यूपी सरकार ने लव मैरिज करने की एवज में गर्लफ्रेंड के नाम एफडी किए जाने वाले आदेश को वापस लेने का फैसला किया है.
पिछले हफ्ते संत कबीरनगर जिले के एक मामले में अदालत के फैसले के मद्देनजर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) देवराज नागर ने लव मैरिज के मामले गर्ल फ्रेंड के नाम पर 50 हजार रुपये की एफडी कराने का आदेश कर दिया. उन्होंने जिलों के कप्तानों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए थे. बाद में जब पता चला कि अदालत का आदेश सिर्फ एक प्रकरण के लिए है तब डीजीपी का आदेश वापस लेने की कवायद शुरू हो गई.
अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून-व्यवस्था मुकुल गोयल ने बताया कि यह आदेश गलती से जारी हो गया था और इसे वापस लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि संत कबीरनगर में प्रेम विवाह के एक मामले में वहां की अदालत ने पति को तीन साल के लिए 50 हजार की एफडी जमा करने के आदेश दिए थे. जिले के शासकीय वकील ने समझ कि कोर्ट ने यह आदेश ऐसे सभी मामलों के लिए दिए हैं.
एडीजी ने बताया कि शासकीय वकील ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए डीजीपी को पत्र भेज दिया था. डीजीपी ने इस पत्र के आधार पर सभी जिलों के कप्तानों को इसी अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए. अब जब यह पता चला कि कोर्ट का आदेश सिर्फ एक प्रकरण के लिए था न कि ऐसे सभी मामलों के लिए तो शासकीय वकील से भी बात की गई. वकील ने गलती स्वीकार की. इसके बाद इस आदेश को वापस लेने के निर्देश दिए जा रहे हैं.