उत्तर प्रदेश में घाघरा और शारदा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से अवध क्षेत्र के लगभग दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. शारदा बैराज में दो लाख क्यूसेक पानी दोबारा छोड़े जाने की वजह से यह स्थिति पैदा हुई है. प्रशासन युद्घ स्तर पर प्रभावितों की मदद में जुटा हुआ है.
बहराइच के चौधरी चरण सिंह गिरिजापुरी और शारदा बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से रायबरेली, कानपुर, बहराइच, गोंडा में करीब 22 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. घाघरा का रौद्र रूप देखकर लोग अपने आशियानों को छोड़कर सुरक्षित जगहों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं.
बाढ़ राहत कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक, हालांकि एल्गिन ब्रिज पर नदी का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे ही है.
उत्तर प्रदेश बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों के मुताबिक, गंगा नदी का पानी भी चार सेन्टीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से एक ओर जहां तटीय इलाकों में सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो गई है वहीं दूसरी ओर संक्रामक बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है.
घाघरा की वजह से आजमगढ़ के सगडी तहसील में भी कई गांव बाढ़ से घिर गए हैं. प्रशासन की तरफ से राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. कानपुर में गंगा का जलस्तर लगभग खतरे के निशान तक पहुंच गया है. एहतियात के तौर पर सेना को भी बुला लिया गया है.