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यूपी के कई इलाके भयंकर बाढ़ की चपेट में

नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से उत्तर प्रदेश के लगभग एक दर्जन जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.

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नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से उत्तर प्रदेश के लगभग एक दर्जन जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.

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बाढ़ की चपेट में आने वाले जिलों में लखीमपुर खीरी, बहराइच, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर, संत कबीरनगर, गोंडा, बस्ती, वाराणसी, चंदौली, कानपुर देहात, फैजाबाद, बलरामपुर प्रमुख हैं. इन जिलों के लगभग 800 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं भारी बारिश की वजह से प्रदेश में अबतक 172 लोगों की जानें जा चुकी हैं, जिनमें से बाढ़ की वजह से 73, दीवार गिरने से 64 और बिजली गिरने से 35 लोगों की मौत हुई है.

कानपुर के बाद वाराणसी में भी गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. प्रदेश की मुख्य नदियों में गंगा नदी गाजीपुर और बलिया में, यमुना नदी काल्पी, हमीरपुर तथा चिल्लाघाट बांदा में, बेतवा नदी सहिजना में, शारदा नदी पलियाकला में, घाघरा नदी तृर्तीपार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के कुछ स्थानों पर वर्षा तथा अगले 24 घण्टों में पश्चिमी यूपी के एक या दो स्थानों पर भारी बारिश होने की सम्भावना है.

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गंगा नदी का जलस्तर इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर तथा बलिया में बढ़ रहा है. बहराइच में घाघरा नदी एलिगन ब्रिज पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

यमुना नदी का जलस्तर सहारनपुर, मुजफ्फरनगर तथा इलाहाबाद में बढ़ रहा है. बेतवा नदी का जलस्तर झांसी में, गोमती नदी का सुल्तानपुर व जौनपुर में, सरयू नदी का लखनऊ में, शारदा नदी का जलस्तर लखीमपुर खीरी में, राप्ती नदी का भी जलस्तर बहराइच, श्रावस्ती तथा गोरखपुर में बढ़ रहा है.

बाढ़ की वजह इन जिलों के लगभग 6 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं लाखों हेक्टेयर खेती लायक जमीन भी बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो गई है.

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