नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या गंभीर बनी हुई है. प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में बाढ़ विकराल रूप लेती जा रही है.
प्रदेश की गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा, गोमती, बेतवा, सई जैसी मुख्य नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गंगा नदी का जलस्तर रायबरेली, इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर तथा बलिया में बढ़ रहा है. रामगंगा नदी का जलस्तर बरेली, यमुना नदी का जलस्तर मुजफ्फरनगर, बागपत तथा इलाहाबाद में, बेतवा नदी का जलस्तर जालौन तथा हमीरपुर, गोमती नदी का जलस्तर सुल्तानपुर व जौनपुर में, सई नदी का पानी लखनऊ में, शारदा नदी का पानी लखीमपुर खीरी में बढ़ रहा है. राप्ती नदी का जलस्तर बलरामपुर में बढ़ रहा है.
इन नदियों में बाढ़ से बहराइच, बाराबंकी, गोरखपुर, बस्ती, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, संतकबीरनगर, गोंडा, फैजाबाद, बलरामपुर, बलिया, इलाहाबाद आदि जिले बाढ़ की चपेट में हैं. इन जिलों के 850 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. बाढ़ की वजह से प्रदेश में अबतक 173 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें बाढ़ में डूबने से चौहत्तर, दीवार गिरने से चौसठ और आकाशीय बिजली गिरने से पैंतीस लोग अपनी जान गंवा बैठे.
वहीं प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर इलाहाबाद में, वाराणसी में, गाजीपुर में तथा बलिया में खतरे के निशान से ऊपर है. यमुना नदी का जलस्तर हमीरपुर में, चिल्लाघाट बांदा में, नैनी, इलाहाबाद में खतरे के निशान से ऊपर है. शारदा नदी का जलस्तर पलियाकला में तथा घाघरा नदी का जलस्तर एल्गिनब्रिज में खतरे के निशान से ऊपर है.
केन्द्रीय जल आयोग, भारत सरकार से मिली सूचना के मुताबिक, गंगा नदी का जलस्तर इलाहाबाद में, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर तथा बलिया में बढ़ने की सम्भावना है. बाढ़ की चपेट में आए इन जिलों के लगभग 6 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर गरज व चमक के साथ बरसात तथा अगले चौबीस घण्टों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक या दो स्थानों पर भारी बारिश होने की सम्भावना है.