उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और उत्तराखंड के बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण यूपी में गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा नदियां फिर से उफान पर हैं. राज्य के करीब 18 जिलों की तकरीबन 20 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है.
सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य चलाने का दावा कर रही है. लखनऊ स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष के मुताबिक प्रदेश में गंगा नदी का जलस्तर बुलन्दशहर में 0.440 मीटर, वाराणसी में 0.108 मीटर, गाजीपुर में 1.325 मीटर और बलिया में 2.195 मीटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है. यमुना नदी का जलस्तर मथुरा में 0.460 मीटर, शारदा नदी का जलस्तर लखीमपुर खीरी में 0.810 मीटर, घाघरा नदी का जलस्तर बहराइच में 0.616 मीटर, अयोध्या में 0.190 मीटर तथा बलिया में 0.295 मीटर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है.
इसके अलावा भी कई जिलों में इन नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़कर खतरे के निशान के आसपास पहुंच गया है. मौसम विभाग ने अगले 24 घण्टों में प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर तेज बारिश होने की संभावना व्यक्त की है.
बाराबंकी, गोंडा, सीतापुर, बलरामपुर, फैजाबाद, बहराइच, संतकबीर नगर, गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, बुलंदशहर, गाजीपुर, बलिया, मिर्जापुर जिलों के तटवर्ती इलाकों में बसे सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया.
बहराइच की जिलाधिकारी किंजल सिंह ने संवादादाताओं को बताया कि जिले की दो तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. राहत शिविरों में भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है.
राहत आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिकत प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए मोटरबोट और नावों का सहारा लिया जा रहा है. राहत कार्यों के लिए प्रांतीय पुलिस बल (पीएसी) की मदद ली जा रही है.
गौरतलब है कि राज्य में इस साल बाढ़ और बारिश से अब तक 221 लोगों की मौत हो चुकी है.