उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों और नेपाल में लगातार बारिश से इन क्षेत्रों से आने वाली नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील जिलों के मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों को बाढ़ नियंत्रण व राहत एवं बचाव उपाय करने के निर्देश दिये गए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने यह निर्देश जारी किए हैं.
यह बताते हुए कि बाढ़ की स्थिति पर त्वरित समन्वय एवं कार्यवाही के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक आपदा प्रबंधन समूह का गठन किया गया है, राहत आयुक्त एल. वेंकटेश्वर लू ने बताया कि मुख्य सचिव के निर्देशों के क्रम में बाढ़ से संबंधित विभागों के अधिकारियों को बाढ़ नियंत्रण, राहत एवं बचाव कार्यों के निरन्तर निगरानी करने के निर्देश दिये हैं.
उन्होंने कहा है कि सभी अधिकारी सतर्कता बरतते हुए तैयार रहें, जिससे बाढ़ से उत्पन्न विषम परिस्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कारगर रणनीति तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जा सके.
उल्लेखनीय है कि बाढ़ की पूर्व तैयारी के संबंध में 15 जून को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें बाढ़ से संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव संबंधित मण्डलों के मण्डलायुक्त तथा अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए.
इस बीच, उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में जोरदार बारिश से मची तबाही के कारण उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में बाढ़ की प्रबल आशंका के मद्देनजर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है.