एयर कनेक्टिविटी के लिहाज से आवागमन बेहतरीन करने में जुटी यूपी की योगी सरकार अब प्रदेश में उड्डयन प्रशिक्षण को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है. एशिया में बन रहे सबसे बड़े जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइंग क्लब भी बनाया जाएगा.
जेवर एयरपोर्ट का मास्टर प्लान केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय को जांच के लिए भेजा गया है. उसमें ट्रेनिंग सेंटर को भी शामिल किया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार उड्डयन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए सरकारी हवाई पट्टी के इस्तेमाल की नीति में जल्द बदलाव करने जा रही है. इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अतिरिक्त हवाई पट्टी राजकीय विमानों और चार्टर ऑपरेशन के लिए भी उपलब्ध रहेगी. निजी संस्था को अपने खर्चे पर ट्रेनिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा जिसका वो इस्तेमाल कर सकेंगे. ऑपेरशन के लिए नियामक संस्थाओं से सुविधा प्राप्त करना और उनकी गाइडलाइंस का अनुपालन करना सुनिश्चित करना होगा.
हवाई पट्टी पर उपलब्ध अन्य संसाधनों का उपयोग निजी संस्था भी कर सकेंगे. इसके अलावा फ्लाइंग क्लब से प्रारंभिक 5 वर्ष और दोबारा 5-5 वर्ष करके 30 वर्ष तक नवीनीकरण की व्यवस्था थी जिसे अब एकमुश्त 10 वर्ष करने का प्रस्ताव है.
साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर के मुताबिक नाइट लैंडिंग की सुविधा भी दी जाएगी. उत्तर प्रदेश में नागरिक उड्डयन विभाग के अधीन गतिविधियों को प्रोत्साहन नीति 2007 में बनाई गई थी. अब 13 साल बाद सरकार द्वारा नई नीति बनाई जा रही है.
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