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SC के आदेश के बाद मुलायम ने खाली किया सरकारी बंगला, VVIP गेस्ट हाउस पहुंचे

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव शुक्रवार को सरकारी बंगला खाली करने बाद वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचे. वो वीवीआईपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 102 में ठहरे हुए हैं. इसके चलते वहां पर सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई.

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सरकारी बंगला खाली कर दिया है. शुक्रवार को सरकारी बंगला खाली करने बाद वो वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचे. मुलायम सिंह यादव वीवीआईपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 102 में ठहरे हुए हैं. इसके चलते वहां पर सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा था कि राज्य सम्पत्ति विभाग की ओर से जारी नोटिस की अवधि के अंदर ही अखिलेश और मुलायम अपने सरकारी बंगले खाली कर देंगे. मालूम हो कि शीर्ष अदालत ने सात मई को पूर्व मुख्यमंत्रियों को यह कहते हुए अपने सरकारी बंगले खाली करने का आदेश दिया था कि पद से हटने के बाद वो सरकारी आवास में नहीं रह सकते.

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इसके बाद राज्य सम्पत्ति विभाग ने छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस दिया था. इन पूर्व मुख्यमंत्रियों में मुलायम सिंह यादव के अलावा नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने के लिए इसी सप्ताह के आखिरी तक की मोहलत दी थी. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और उन्होंने बढ़ती उम्र व गिरती सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट से बंगला खाली करने को लेकर रियायत देने की मांग की थी.

मुलायम ने इसके लिए दो साल का वक्त मांगा था और इस दौरान अपने लिए समुचित घर का इंतजाम करने की बात भी कही थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह अपने सरकारी बंगले खाली कर चुके हैं.

अखिलेश यादव भी गए कोर्ट

मुलायम से पहले उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इस संबंध में कोर्ट का रुख कर चुके हैं. उन्होंने बंगला नहीं खाली करने के लिए अपनी सुरक्षा और बच्चों की पढ़ाई का सहारा लिया.

अखिलेश यादव के निजी सचिव गजेंद्र सिंह ने भी पिछले हफ्ते राज्य संपत्ति अधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखा, जिसमें समय की कमी और अभी तक कोई उचित जगह नहीं मिल पाने का तर्क देकर वक्त मांगा गया.

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