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यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी पर पोटा(POTA) लगाने वाले पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह को बड़ी राहत मिली है. उन पर दर्ज मुकदमा वापस ले लिया गया है.
दरअसल, जनवरी 2004 में यूपी एसटीएफ की वाराणसी यूनिट के प्रभारी डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से पहले मुख्तार अंसारी के द्वारा एलएमजी खरीदने का न सिर्फ खुलासा किया था, बल्कि एलएमजी बरामद कर मुख्तार अंसारी पर पोटा भी लगाया था. तत्कालीन सरकार में हंगामा मच गया, शैलेंद्र सिंह पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाने लगा और जिसके बाद शैलेंद्र सिंह ने यूपी पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया.
शैलेंद्र सिंह के इस्तीफा देने के कुछ ही महीने बाद वाराणसी के कैंट थाने में डीएम कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लालजी की तरफ से डीएम दफ्तर के रेस्ट रूम में घुसकर तोड़फोड़ मारपीट हंगामा करने की एफआईआर दर्ज कराई गई.
इस मामले में शैलेन्द्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया और पुलिस ने चार्जशीट तक कोर्ट में दाखिल कर दी. शैलेंद्र सिंह पर दर्ज इस केस को अब उत्तर प्रदेश सरकार ने वापस ले लिया है. सहायक अभियोजन अधिकारी की तरफ से दी गई रिपोर्ट के आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वाराणसी ने शैलेंद्र सिंह पर दर्ज मुकदमे को वापस लेने का आदेश जारी किया है.
मुकदमा वापसी के आदेश की कॉपी मंगलवार को शैलेंद्र सिंह को मिली, तो उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए प्रदेश सरकार का आभार भी जताया. शैलेंद्र सिंह ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर साफ लिखा कि कैसे मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाने के बाद दबाव बनाया गया और उनको इस्तीफा देना पड़ा. इतना ही नहीं उन्हें जेल तक जाना पड़ा, वहीं अब प्रदेश सरकार के द्वारा मुकदमा वापस लेने के फैसले पर पूरे परिवार की तरफ से आभार जताया है.