समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हाजी इकराम कुरैशी को गबन और धोखाधड़ी के आरोप में स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है. बिजली बिल का बकाया जमा करने के लिए फर्ज़ी रसीद बनवाने के आरोप में उन्हें ये सजा हुई है. कुरैशी के खिलाफ साल 2000 में गलशहीद थाने में बिजली विभाग की ओर से ये केस दर्ज हुआ था. हाजी इकराम कुरैशी सपा सरकार में रह चुके हैं और मुरादाबाद देहात सीट से विधायक रह चुके हैं. वे सपा छोड़ने के बाद 2022 का चुनाव कांग्रेस से लड़कर हार गए थे. कोर्ट के फैसले के बाद हाजी इकराम क़ुरैशी को पुलिस कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया गया है.
सजा सुनाए जाने के संबंध में जब हाजी इकराम क़ुरैशी से पूछा गया कि कुछ कहना है तो हाजी इकराम ने कहा कुछ नहीं कहना, मेरा कुछ मतलब ही नहीं है. कोर्ट का फैसला है, अपील करेंगे. लेकिन कई बार पूछने पर कहा कि उन्हें नहीं मालूम क्यों और कितनी सजा हुई है. अब उनपर ऐसा कोई मामला नहीं है.
सरकार की ओर से इस केस को लड़ने वाले एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल विश्नोई ने बताया कि हाजी इकराम कुरैशी ने बिजली विभाग के बकाया की रसीद फर्जी तरह से तैयार की थी जिसमें उन्होंने अमाउंट 6 लाख 88 हजार 54 भरा था. ये फर्जी रसीद, विभाग की रसीद बुक से फाड़कर बनाई गई थी. इनके खिलाफ अधिशासी इंजीनियर द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई थी. उसका न्यायालय ने गहनता से एनालिसिस किया. इसके बाद ही इन्हें दोषी करार दिया गया. इसमें कुरैशी को धारा 420 के तहत 5 वर्ष की सजा हुई है, साथ ही धारा- 467 में 7 वर्ष की सजा हुई है. वहीं उन्हें धारा- 468 और 471 में दो- दो वर्ष की सजा हुई है और जुर्माना भी लगाया गया है.