समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी रहे सोमेश यादव उर्फ़ फ्रैंक हुज़ूर को आवंटित सरकारी आवास शनिवार को राज्य संपत्ति विभाग ने खाली करा लिया.
सपा सरकार के दौरान फ्रैंक हुज़ूर को सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक के तौर पर लखनऊ की वीआईपी कॉलोनी दिलकुशा में आवास नंबर बी-5 आवंटित किया गया था, जहां पर वह अपनी तीस से ज़्यादा बिल्लियों के साथ रहते थे. राज्य संपत्ति द्वारा पहले भी कई बार फ्रैंक हुज़ूर को घर खाली करने के लिए नोटिस दिया गया पर वह हमेशा आनाकानी करते रहे.
यह आवास अब राज्य बाल आयोग की सदस्य प्रीती वर्मा को आवंटित किया गया है. राज्य संपत्ति विभाग ने घर खाली कराने के दौरान प्रशासन से पुलिस फ़ोर्स भी मांगी. पुलिस की उपस्तिथि के दौरान घर खाली कराया गया.
शनिवार सुबह जब राज्य संपत्ति विभाग की टीम आवास पर पहुंची तो वहां ताला लगा हुआ था. हालांकि टीम लगातार वहां डटी रही और फ्रैंक हुज़ूर के आते ही आवास से उनका सामान बाहर निकलवाया गया. मीडिया से बातचीत के दौरान हुज़ूर ने कहा कि उन्होंने घर खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन वो उन्हें नहीं दिया गया.
गौरतलब है कि सत्यनारायण शुक्ल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपना बंगला खाली कर दिया था.
इसी याचिका का हवाला देकर राज्य संपत्ति विभाग फ्रैंक हुजूर से सरकारी आवास खाली नहीं करवा पा रहा था, जो पिछली सरकार में अखिलेश यादव के करीबी माने जाते थे. राज्य संपति विभाग की तरफ से तीन नोटिस जाने के बाद भी समाजावादी रुझान वाली पत्रिका सोशलिस्ट फैक्टर के संपादक फ्रैंक हुजूर बी-5 दिलकुशा आवास में जबरन डटे हुए थे.