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अयोध्या: हनुमान चालीसा और कुरान को लेकर भिड़े चार छात्र, कॉलेज की कार्रवाई पर उठे सवाल

अयोध्या के एक इंटर कॉलेज में हनुमान चालीसा और कुरान को लेकर चार छात्रों में विवाद हो गया जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने दो छात्रों को निष्कासित कर दिया. इस पर अयोध्या के संतों ने नाराजगी जाहिर की है और इसे शर्मनाक बताया है.

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इंटर कॉलेज में छात्रों के बीच विवाद
इंटर कॉलेज में छात्रों के बीच विवाद

अयोध्या के एक स्कूल में कुरान- हनुमान चालीसा को लेकर चार छात्रों के बीच बहस हो गई जिसके बाद प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए दो छात्रों को इंटर कॉलेज से निकाल दिया. हालांकि विवाद बढ़ता हुआ देखकर कॉलेज प्रबंधन की तरफ से दूसरे समुदाय के दो छात्रों का भी नाम कॉलेज के रजिस्टर से काट दिया गया.

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मामला अयोध्या के सोहावल क्षेत्र के फैज इ आम मुस्लिम इंटर कॉलेज का है जहां दो समुदाय के 4 छात्रों के बीच कुरान, हनुमान चालीसा ,रामचरितमानस और मंदिर -मस्जिद को लेकर बहस हो गई.

रिपोर्ट के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों ने इसकी शिकायत कॉलेज प्रबंधन से की जिसके बाद आरोप है की एक ही समुदाय के 2 छात्रों के नाम काट दिए गए और उन्हें निष्कासित कर दिया गया.

इसी मुद्दे को लेकर अयोध्या में संतों में गहरा आक्रोश है और कॉलेज जाने के लिए निकले अलग-अलग संतों को बड़ी मुश्किल से पुलिस ने रोका. वहीं इसको लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी की तरफ से मुस्लिम नेता भी आमने-सामने आ गए.

बीजेपी समर्थित मुस्लिम नेता इसको दंगा कराने की साजिश बता रहे हैं तो बाबरी मस्जिद विध्वंस मुकदमे के गवाह रहे नुसरत कुद्दूसी ने इसे चुनावी लाभ और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के लिए मिली जमीन पर मस्जिद ना बनने देने की साजिश करार दिया है. 

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मामले की गंभीरता को देखते हुए अयोध्या के शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने भी जांच शुरू कर दी है, जबकि अयोध्या सीओ राजेश तिवारी की माने तो पुलिस ने इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर लिया है.

कैसे हुई विवाद की शुरुआत

विवाद की शुरुआत बीते मंगलवार को 11वीं क्लास के हिंदू और मुस्लिम छात्रों के बीच हुई. जानकारी के मुताबिक एक छात्र कबीर के दोहे पढ़ रहा था उसी समय अल्पसंख्यक समुदाय के दो छात्रों ने उससे कुरान पढ़ने को कहा तो जवाब में उस छात्र ने उनसे हनुमान चालीसा और रामायण पढ़ने को कहा और बात बढ़ते-बढ़ते मंदिर मस्जिद तक जा पहुंची. 

इसी बीच इस विवाद में कबीर के दोहे पढ़ने वाले युवक का साथ देने एक अन्य छात्र आ गया और बात मारपीट तक पहुंच गई. अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों ने इसकी शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल से की जिसके बाद उन दोनों छात्रों को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया.

आरोप है की मामले ने तूल पकड़ा तो रजिस्टर में दोनों अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के नामों को भी काट दिया गया. इसके बाद प्रबंधन ने चारों छात्रों से खेल-खेल में विवाद होने का एक पत्र भी लिखवा लिया. इसके बाद तीन छात्रों को फिर से कॉलेज में प्रवेश दे दिया गया जबकि एक छात्र ने फिर से उस कॉलेज में पढ़ने से इनकार कर दिया. 

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वहीं कॉलेज के प्रबंधक मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी जो पहले यह दलील दे रहे थे की कॉलेज के किसी प्रपत्र में कहां लिखा है की धार्मिक उन्माद फैलाने के आरोप में छात्रों के नाम काटे गए हैं, उन्होंने बातचीत में खुद माना कि कुरान, हनुमान चालीसा, रामायण और मंदिर मस्जिद पर दो अलग-अलग समुदाय के 4 बच्चों के बीच बहस के दौरान विवाद इतना बढ़ गया था कि मारपीट की नौबत आ गई थी. इसके बाद छात्रों को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था.

वहीं रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, 'यह बहुत गलत हुआ है कि मुस्लिम विद्यालय  में हिंदू छात्र जाते हैं उनके साथ भेदभाव होता है. ऐसी घटनाएं बहुत शर्मनाक हैं.  

 

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