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ऑनलाइन सजा अखिलेश के लैपटॉप का बाजार

इंटरमीडियट पास कर ग्रेजुएशन में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को फ्री लैपटॉप बांटने की अखिलेश यादव सरकार की योजना लगातार अलग-अलग वजहों से चर्चा में बनी हुई है. लखनऊ, कानपुर समेत कई जिलों में स्टूडेंट्स द्वारा फ्री लैपटॉप बेचने कंप्यूटर मार्केट पहुंचने की जानकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग को मिली थी, लेकिन अब ये लैपटॉप ऑनलाइन मार्केट में भी बिकने पहुंच गए हैं.

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लैपटॉप बांटते अखिलेश यादव
लैपटॉप बांटते अखिलेश यादव

इंटरमीडियट पास कर ग्रेजुएशन में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को फ्री लैपटॉप बांटने की अखिलेश यादव सरकार की योजना लगातार अलग-अलग वजहों से चर्चा में बनी हुई है. लखनऊ, कानपुर समेत कई जिलों में स्टूडेंट्स द्वारा फ्री लैपटॉप बेचने कंप्यूटर मार्केट पहुंचने की जानकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग को मिली थी, लेकिन अब ये लैपटॉप ऑनलाइन मार्केट में भी बिकने पहुंच गए हैं.

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सामान की ऑनलाइन खरीद-फरोख्त करने वाली वेबसाइट ‘ओएलएक्स डॉट इन’ पर बकायदा इन लैपटॉप को बेचने का विज्ञापन पोस्ट किया है. सरकार से मिले फ्री लैपटॉप इस वेबसाइट पर ‘अखिलेश लैपटॉप’ के नाम से बिक रहे हैं. लखनऊ के हजरतगंज इलाके में रहने वाले अहमद ने लैपटॉप की कीमत 6000 रुपये लगाई है. इतनी कम कीमत लगाने की वजह अहमद ने पैसों की अचानक जरूरत होना बताई है.

वाराणसी के सोनू ने 27 अक्टूबर को वेबसाइट पर पोस्ट अपने विज्ञापन में दो दिन पुराने लैपटॉप की कीमत 15000 रुपये लगाई है. ‘ओएलएक्स डॉट इन’ पर केवल लैपटॉप बेचने वालों ने ही विज्ञापन पोस्ट नहीं किए हैं, बल्कि बड़ी संख्या में खरीदने वाले भी कतार में हैं. खरीदारों ने इन लैपटॉप की कीमत 6000 से 8000 रुपये के बीच लगाई है, जबकि असल में एक लैपटॉप 19,500 रुपये की कीमत का है.

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लैपटॉप के बिकने की जानकारियों को सिरे से खारिज करते हुए माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री विनोद कुमार सिंह कहते हैं कि वेबसाइट पर लैपटॉप बेचने का विज्ञापन पोस्ट करना शरारती तत्वों की साजिश है. सपा सरकार को बदनाम करने की हर संभव कोशिश हो रही है. सिंह कहते हैं, ‘लैपटॉप में ऐसे सॉफ्टवेयर लोड हैं, जिससे इन्हें बेचना संभव नहीं है. ऐसा करने वाला स्टूडेंट तुरंत पकड़ में आ जाएगा.’

वहीं प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन बताते हैं, ‘अखिलेश यादव सरकार स्टूडेंट्स को एक झुनझुना के रूप में लैपटॉप थमा रही है. प्रदेश में शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है. ऐसी स्थिति में स्टूडेंट्स के लिए लैपटॉप महज एक खिलौने से ज्यादा नहीं है. यही वजह है कि काम का साबित न होने के कारण स्टूडेंट्स की दिलचस्पी इसे बेचने में ज्यादा है.’

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