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गैंगरेप पीड़िता को देख महिला सिपाही ने कहा- देखो बसंती टंकी पर चढ़ी है

यूपी की राजधानी में न्याय की आस लगाए एक रेप पीड़िता को डीजीपी के आदेश के बाद भी न्याय नहीं मिला. वह तीन माह की गर्भवती है. गुरुवार सुबह दुखी होकर वह सिविल अस्पताल में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गई. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस को पीड़िता का दर्द दिखने की बजाए मजाक सूझा. एक महिला सिपाही ने कहा, 'देखो बसंती टंकी पर चढ़ी है.'

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Symbolic Image
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यूपी की राजधानी में न्याय की आस लगाए एक रेप पीड़िता को डीजीपी के आदेश के बाद भी न्याय नहीं मिला. वह तीन माह की गर्भवती है. गुरुवार सुबह दुखी होकर वह सिविल अस्पताल में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गई. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस को पीड़िता का दर्द दिखने की बजाए मजाक सूझा. एक महिला सिपाही ने कहा, 'देखो बसंती टंकी पर चढ़ी है.'

जानकारी के मुताबिक, अस्पताल की पानी की टंकी पर महिला को चढ़ा देखकर गार्ड ने इसकी सूचना पुलिस को दी. 10 मिनट बाद पुलिस मौके पहुंची. पीड़िता को टंकी से नीचे उतारने का प्रयास किया , लेकिन वह नहीं मानी. अस्पताल के अधीक्षक के अश्वासन देने के बाद भी जब वह नहीं मानी, तो कई आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए.

पीड़िता के मुताबिक, वह न्याय की गुहार लगाने के लिए राजधानी पहुंची. 19 मई को लिखित शिकायती पत्र राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक को दिया. उन्होंने तुरंत रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मेडिकल कराकर फैक्स के माध्यम से एसपी (आंबेडकर नगर) और डीआईजी (फैजाबाद) को धारा 164 के तहत कलमबंद बयान दर्ज करने के निर्देश दिए.

'थाना मुझे चलाना है डीजीपी को नहीं'
दूसरे दिन पीड़िता डीजीपी के पास पहुंची. अपना पूरा दर्द बयां किया. डीजीपी ने अपने पीआरओ को महरुआ थानाध्यक्ष को रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया. पीड़िता थाने पर पहुंची तो थानाध्यक्ष ने कहा, 'थाना मुझे चलाना है डीजीपी को नहीं'. दिनभर बिठाए रखने के बाद पुलिस ने सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर उसकी तहरीर बदल दी.

शौच के लिए जाते समय हुआ था गैंगरेप
अंबेडकर नगर के दांदूपुर गांव की रहने वाली पीड़िता को शौच जाते समय गांव के ही विनोद दुबे, गोविंद कुमार और लल्लू वर्मा उर्फ रणजीत ने लाल रंग की बोलेरो से आए और उसका अपहरण कर लिया था. इसके बाद उसे अकबरपुर ले जाकर तीन महीने तक गैंगरेप करते रहे . गर्भवती होने पर उसे कोई नशीला पदार्थ पिलाकर उसका गर्भपात करा दिया.

आश्वासन देकर टंकी से उतारा
एसीएम (प्रथम) विनोद कुमार ने कहा, 'पीड़िता एक बार धरने के दौरान बेहोश हो चुकी है. उसे आश्वासन देकर सकुशल टंकी से उतार लिया गया है. अंबेडकर नगर जिलाधिकारी ने भी फोन पर स्थिति के बारे में पूछा, उन्हें जानकारी दे दी गई है. पीड़िता को न्याय दिलाने में हर संभव मदद की जाएगी. दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा.'

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