यूपी की अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को गैंगरेप केस में गिरफ्तार कर लिया गया है. यूपी पुलिस ने प्रजापति को लखनऊ से गिरफ्तार किया. सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद गैंगरेप केस में प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पिछले कई दिनों से प्रजापति की तलाश में यूपी पुलिस छापेमारी कर रही थी. गिरफ्तारी के बाद प्रजापति को अदालत में पेश किया गया जहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. गायत्री प्रजापति ने अपना नार्को टेस्ट कराने की मांग की है.
अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारी
प्रजापति समेत इस मामले में अबतक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. यूपी के एडीजी (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने प्रजापति की गिरफ्तारी की पुष्टि की. दलजीत चौधरी ने बताया लखनऊ से बुधवार सुबह प्रजापति को गिरफ्तार किया गया. एडीजी के मुताबकि पुलिस को प्रजापति के मामले में खुफिया जानकारी मिली थी जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. पुलिस ने मंगलवार को भी इस मामले में तीन सहआरोपियों को गिरफ्तार किया था.
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प्रजापति के बेटे-भतीजे को पुलिस ने उठाया था
पिछले कई दिनों से फरार चल रहे गायत्री प्रजापति की तलाश में यूपी पुलिस लगातार छापा मार रही थी. मंगलवार को प्रजापति के बेटे और भतीजे को पुलिस ने उठाया था. यूपी के अमेठी से सपा उम्मीदवार प्रजापति चुनाव के बाद से ही गायब थे.
पुलिस को चकमा देकर फरार
इससे पहले नोएडा के पास जेवर टोल प्लाजा के पास गायत्री प्रसाद प्रजापति पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे. लेकिन पुलिस ने उनके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया था. यूपी एसटीएफ की टीम गायत्री प्रसाद प्रजापति के पीछे लगी हुई थी. उनकी तलाश में कई जगह छापेमारी की जा रही थी.
गायत्री के आवास पर गैंगरेप
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पुलिस ने गायत्री और उनके सहयोगी अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास शर्मा, चंद्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 376डी, 511, 504, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज किया था. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि साल 2014 में गायत्री के आवास पर गैंगरेप हुआ था. पीड़िता ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ रेप का भी आरोप लगाया था. इसके बाद पीड़िता ने एम्स में इलाज के दौरान धमकी मिलने की शिकायत भी की थी.