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UP: कहीं गुलाब की पंखुड़ियों से, कहीं चावल के आटे से, ऐसे गुलाल बना रहे हैं जेलों में बंद कैदी

गाजियाबाद जेल में बंद कैदी गुलाब की पंखुड़ियों से ऑर्गेनिक गुलाल बना रहे हैं. इसे आम लोग भी खरीद सकते हैं. वहीं नोएडा जेल में बंद कैदी चावल के आटे से गुलाल बना रहे हैं.

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गुलाल आम लोग खरीद रहे हैं.
गुलाल आम लोग खरीद रहे हैं.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नेचुरल तरीके से ऑर्गेनिक गुलाल बना रहे हैं कैदी
  • जेलों में बंद कैदी रंग-बिरंगे मास्क भी बना रहे हैं

जेल में रहकर होली में दूसरों की जिंदगी में रंग भरने की कवायद के चलते उत्तर प्रदेश की जेलों में कैद कैदियों ने हर्बल गुलाल बनाया है. गुलाल के साथ कैदियों ने होली स्पेशल मास्क भी तैयार किया है, जो अब बाजार में उपलब्ध है. जेल के कैदी अपने इस काम से बेहद खुश हैं. जेल के डीजी आनंद कुमार की मानें तो ये केवल जेल में कैद कैदियों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है.

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यूपी के तीन जिलों मथुरा, गाजियाबाद और नोएडा की जेलों में बंदियों द्वारा हर्बल गुलाल और होली पर पहने जाने वाले विशेष प्रकार के रंग-बिरंगे मास्क बनाए जा रहे हैं.

जिला जेल गाज़ियाबाद में गुलाब की पंखुड़ियों, अरारोट तथा नेचुरल इसेंस के उपयोग से ऑर्गेनिक गुलाल बनाया जा रहा है जिसे 100, 150 और 200 ग्राम की पैकिंग में जेल के बाहर लगाए गए आउटलेट से आम लोग खरीद सकते हैं. इनकी कीमत भी काफी कम है. इसकी कीमत 10, 15 और 20 रुपये रखी गई है.

इसके अलावा कारागार में कैदी होली पर विशेष रूप से इस्तेमाल किए जाने के मकसद से रंग-बिरंगे एंब्रॉयडरी किए हुए मास्क भी बना रहे हैं. गुलाल बनाने के काम में जिला जेल गाजियाबाद के 10 बंदी और मास्क बनाने के काम में 30 बंदी लगे हुए हैं. यहां अब तक 70 किलो ऑर्गेनिक हर्बल बेचा जा चुका है.

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मथुरा जेल में भी ऑर्गेनिक गुलाल बनाया जा रहा है. ये खुशबूदार गुलाब की पंखुड़ियों अरारोट आदि के उपयोग से तैयार हो रहा है. अब तक 50 किलो गुलाल आम लोगों को बेचा जा चुका है, जबकि एक क्विंटल गुलाल जेल के बंदी अपने उपयोग के लिए बना रहे हैं. मथुरा जेल के 20 बंदी इस काम में लगे हुए हैं.

नोएडा जेल में भी हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है. यहां कैदी चावल के आटे को बारीक पीसकर इसमें खाने वाले रंग मिलाकर गुलाल बना रहे हैं इसके अतिरिक्त यहां फ्लोरोसेंट कलर के मास्क भी अपने उपयोग के लिए बना रहे हैं, जिन पर हैप्पी होली का स्टीकर लगा है. नोएडा जेल में बने हर्बल गुलाल और मास्क बंदी अपने उपयोग के लिए ही बना रहे हैं. इस काम में कुल 10 बंदी लगे हुए हैं.

ऐसा पहली बार नहीं है जब यूपी की जेलों में बंद कैदी इस तरह की क्रिएटिविटी दिखा रहे हैं. कोरोना काल में भी काफी बड़ी संख्या में कैदियों ने मास्क बनाए थे जो काफी मददगार साबित हुए थे.

 

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