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'Hello आपको क्रेडिट कार्ड की KYC अपडेट करानी है?' ऐसी कॉल से सावधान, लोगों को ठगी का शिकार बना रहा है गैंग

इस गैंग के लोग क्रेडिट कार्ड की केवाईसी अपडेट कराने, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए या नए क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए इंटरनेट कॉल करते थे और लोगों को झांसे में लेकर कार्ड अपडेट कराने की एवज में एक लिंक भेजा करते थे.

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गाजियाबाद में क्रेडिट कार्ड के नाम से ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़, 4 लोग गिरफ्तार
गाजियाबाद में क्रेडिट कार्ड के नाम से ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़, 4 लोग गिरफ्तार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केवाईसी अपडेट के नाम पर करते थे ठगी
  • गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किए 4 आरोपी
  • एक साल से इस गैंग की तलाश में थी पुलिस

"हेलो क्या आपको क्रेडिट कार्ड की केवाईसी अपडेट करानी है?" ऐसी कॉल आपके पास आती है तो बेहद सावधान रहें, क्योंकि सिर्फ एक कॉल से आपका अकाउंट खाली हो सकता है. गाजियाबाद के थाना साहिबाबाद पुलिस द्वारा क्रेडिट कार्ड के नाम से ठगी करने वाले ऐसे गैंग के चार शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया हैं.

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इस गैंग के लोग क्रेडिट कार्ड की केवाईसी अपडेट कराने, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने और नए क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए इंटरनेट कॉल करते थे और लोगों को झांसे में लेकर कार्ड अपडेट कराने की एवज में एक लिंक भेजा करते थे. जिसके बाद लोग इस फ्रॉड गैंग के शिकार हो जाया करते थे.

पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्य दिव्यांशु ठाकुर, सनी कश्यप, अंकित यादव, निशांत माथुर को गिरफ्तार किया है. हालांकि इस गैंग का सरगना अभी भी फरार है. क्रेडिट कार्ड के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के सदस्यों को पकड़ने के बाद पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें इनके पास से 26 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, 102 सिम कार्ड, तीन पासबुक, 3 एटीएम कार्ड, 5 पैन कार्ड, 1 आधार कार्ड, 1 एप्पल आईपैड, एक वोटर आईडी कार्ड मिला है.

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इस पूरे मामले में एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष नीरज शर्मा ने अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी देते हुए, एक मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसके बाद से पुलिस लगातार इस तरह के साइबर फ्रॉड करने वाले लोगों पर अपना जाल बिछा कर गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी, जिसमें पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है.

एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि यह सभी साइबर अपराधी जॉयपर ऐप से इंटरनेट कॉल किया करते थे जिसके बाद यह आरबीएल मैक्सिमा ऐप डाउनलोड डाउनलोड करवा कर अपने शिकार से क्रेडिट कार्ड का पैसा मर्चेंट वॉलेट जैसे नो ब्रोकर, फ्रीचार्ज मैजिक बॉक्स आदि में ट्रांसफर कर लेते थे. बाद में इस पैसों को बैंक में ट्रांसफर किया जाता था.

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