गाजियाबाद के मोदीनगर में 11 वर्षीय स्कूल छात्र की मौत ने बड़ा बवाल शुरू कर दिया है. एक तरफ परिजन स्कूल प्रशासन पर लावरवाही का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस द्वारा उन लोगों पर कार्रवाई की गई है जिन्होंने सड़क जाम करने का प्रयास किया था.
बताया गया है कि पुलिस ने मोदीनगर के एक वकील लोकेंद्र आर्य और 40 से 50 लोगों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है. वकील पर सोशल मीडिया पर पोस्ट और लोगों को इकट्ठा करने का आरोप लगा है. अब पुलिस की इस कार्रवाई से परिजन नाराज हो गए हैं. वे इसे आवाज दबाने का एक हथियार मान रहे हैं. जब आज तक ने पीड़ित परिवार से बात करने की कोशिश की, तो उनकी तरफ से कहा गया कि एफआईआर उनकी आवाज को बंद करने की कोशिश है ताकि उनके साथ लोग न खड़े हों. वे अपने बच्चे के इंसाफ की लड़ाई जरूर लड़ेंगे चाहे उन्हें अकेले लड़ना पड़े.
वैसे जिस लापरवाही का आरोप परिवार लगातार लगा रहा है, जांच के दौरान उसके कुछ सबूत भी मिले हैं. परिवहन विभाग की जांच में बस के संचालन में बड़ी लापरवाही बरतने की बात सामने आई है. जिस बस में यह हादसा हुआ है और स्कूल के बच्चे लाए जा रहे थे, वो आरटीओ विभाग की तरफ से ब्लैक लिस्टेड बस है. उसके बावजूद भी स्कूल प्रबंधन की तरफ से इस बस का इस्तेमाल किया जा रहा था.
अभी इस मामले में पिता की शिकायत पर स्कूल प्रबंधन, प्रिंसिपल और बस चालक के खिलाफ संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है. इसके अलावा स्कूल द्वारा सभी मानकों का सख्ती से पालन किया जा रहा है या नहीं, इसके लिए जमीन पर गाजियाबाद का एआरटीओ प्रवर्तन भी उतरा है. बसों की चेकिंग की गई, चालान काटे गए और सभी को नियमों से अवगत करवाया गया. एआरटीओ प्रवर्तन राघवेंद्र कुमार ने बताया कि आज एक ही स्कूल की दो बसों को सीज कर दिया गया है और स्कूलों में जाकर शासन के निर्धारित मानकों के बारे में बताया गया है.